अमेरिका दुनिया यूरोप

आख़िर रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव छोड़कर डोनबास क्षेत्र को निशाना क्यों बनाया,जानिए क्या है वजह?

रूसी सेना यूक्रेन में जारी युद्ध में अब अपना ध्यान राजधानी कीव से हटाते हुए दिख रही है.

आज रूस और यूक्रेन की जंग का 32वां दिन है. दोनों ही देश एक-दूसरे को हराने की कोशिशों में जुटे हैं. रूसी राष्‍ट्रपति ने व्‍लादिमीर पुतिन ने उत्‍तर अटलांटिक महासागर में परमाणु पनडुब्‍ब‍ियां उतार दी हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्‍जा करने में असफल होने पर रूस ने फिर अपनी रणनीति बदली है. इस बीच अमेरिका के शीर्ष रक्षा अध‍िकारी ने दावा किया है कि रूस ने अब राजधानी पर हमले रोक दिए हैं और अपना निशाना डोनबास को बनाया है. पूर्वी डोनबास क्षेत्र पर कब्‍जा करके रूस यूक्रेन को कई तरह से नुकसान पहुंचाना चाहता है.

रूस ने कीव छोड़कर डोनबास में हमले की रणनीति क्‍यों बनाई?

अमेरिका के शीर्ष सेना अधिकारी का दावा है कि रूस अब कीव से अपना ध्‍यान हटाकर पूरे पूर्वी डोनबास क्षेत्र में केंद्रित कर रहा है. वो यहां तबाही मचाकर कब्‍जा करना चाहता है. इसी रणनीति के तहत डोनबास के दक्ष‍िण में बंदरगाह शहर मारियुपोल में रूस तबाही मचा रहा है. रूस इन दोनों शहरों पर कब्‍जा करने में जुटा है. उसका मानना है कि दोनों शहरों पर कब्‍जा करने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंचने वाली मदद को रोका जा सकता है. 

आर्थिक नजरिए से देखें तो यूक्रेन के लिए ये दोनों शहर बेहद खास हैं. यहां से सामान यूक्रेन के दूसरे हिस्‍से तक पहुंचता है. अगर इन हिस्‍सों में रूस कब्‍जा कर लेता है तो भविष्‍य के लिए यूक्रेन को आर्थिक नुकसान होना तय है और हर जरूरी सामान पहुंचने पर भी रूस पाबंदी लगा देगा. 

रूस क्‍या रणनीति अपना रहा है?

डोनबास यूक्रेन का औद्योगिक शहर है. रूस यहां कब्‍जा करने के लिए रूस समर्थक अलगाववादियों का सहारा ले रहा है. यहां बड़ी संख्‍या में रूसी बोलने वाले लोग रहते हैं. इसका फायदा रूस को मिल रहा है. 2014 के बाद से ही यहां रहने वाले रूस समर्थक अलगाववादी यूक्रेन के बल से लड़ रहे हैं. इसी दुश्‍मनी का फायदा उठाते हुए रूस ने इन पर अपना विश्‍वास जताया है और जंग में शामिल किया है.  इसकी पुष्टि रूसी जनरल स्‍टाफ के उप-प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रूडस्‍कोई ने की है. उनका कहना है, हमने यूक्रेन की लड़ने की क्षमता को कम करने का लक्ष्‍य पा लिया है. अब हमारा फोकस डोनबास की आजादी पर है.

कब्‍जा हुआ तो कितना कुछ बदलेगा?

अगर डोनबास पर रूस कब्‍जा कर लेता है तो यूक्रेन को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा. ऐसा होने पर यूक्रेन कमजोर पड़ सकता है. दूसरे देशों से कर्ज लेने पर यूक्रेन पर बोझ बढ़ेगा. इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा क्‍योंकि रूस ने जो तबाही मचाई है उससे उबरने में यूक्रेन को आर्थिक मदद की जरूरत होगी. हालांकि जंग को रोकने के लिए यूक्रेन ने साफ कहा है कि हमारे प्रयास जारी हैं.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.