इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।’ इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।

केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में बदलाव किया है. ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत अब किसी भी समय आप अपने घर में तिरंगा फहरा सकते हैं. केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस से पहले ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं. बदलाव के बाद अब आप अपने घर में दिन या रात कभी भी तिरंगा फहरा सकेंगे. सरकार की तरफ से किये गए बदलाव के तहत अब तिरंगा दिन और रात दोनों समय फहराये जाने की अनुमति रहेगी. साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है. ‘आजादी का अमृत महोत्वस’ के तहत सरकार 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है, जिसके मद्देनजर यह कदम सामने आया है. ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत देशभर में 25 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है.
केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों में भेजा लेटर
सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है। पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिये संशोधन किया गया है।
तिरंगे को लेकर पहले क्या थे नियम
इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की इजाजत थी. पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने झंडे को फहराने की अनुमति नहीं थी. बदलाव के बाद ‘हाथ से काटा या हाथ से बुना हुआ या फिर मशीन से बना राष्ट्रीय ध्वज. यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना भी हो सकता है.’
तिरेंगे की मांग में उछाल की उम्मीद
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के मद्देनजर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में जोरदार उछाल की उम्मीद है. व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि इस अभियान की वजह से तिरंगे की मांग में जोरदार उछाल की उम्मीद है और व्यापारियों ने इस मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं. कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोनथालिया ने एक बयान में दावा किया कि बाजारों में तिरंगा खरीदने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है, ऐसे में राष्ट्रीय ध्वज की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.
जान लीजिए नया नियम
अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’ इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।’ इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।