26 मई को काबुल में एक मस्जिद के अंदर हुए विस्फोट में 5 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि देश के उत्तरी हिस्से में तीन वैन धमाकों में 9 लोगों की जान चली गई थी.

अफगानिस्तान एक बार फिर बम विस्फोट की घटना सामने आई है। राजधानी काबुल में शनिवार को एक मिनीबस बम विस्फोट हुआ, जिसमें 4 लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है। वहीं कई घायल भी हुए हैं। पुलिस ने बताया कि यह विस्फोट की घटना है। एक पूर्वी जिले में काबुल में हुई थी। पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने बताया कि विस्फोट कैसे हुआ और इसके पीछे कौन था। इसकी जांच के लिए तालिबान सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को मौके पर तैनात किया गया है।
पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। गौरतलब है कि तालिबान के पिछले साल अगस्त में सत्ता में आने के बाद से बम धमाकों की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं हाल के दिनों में हुई हैं। इससे पहले गुरुवार को अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक जिले से आईईडी ब्लास्ट की घटना सामने आई थी. इस विस्फोट में तालिबान के पांच सदस्यों सहित एक नागरिक की मौत हो गई थी। वहीं, 26 मई को काबुल में एक मस्जिद के अंदर हुए विस्फोट में 5 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि देश के उत्तरी हिस्से में तीन वैन धमाकों में 9 लोगों की जान चली गई थी.
अफगानिस्तान में दिन-ब-दिन कम होती जा रही हैं धमाकों की घटनाएं
इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े एक स्थानीय समूह ने मिनीवैन में हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। काबुल इमरजेंसी अस्पताल ने मस्जिद में हुए बम विस्फोट के बारे में बताया था कि इस विस्फोट में 22 लोग घायल हुए हैं. जिनमें से पांच की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। काबुल में तालिबान पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि जब मस्जिद में विस्फोट हुआ तो लोग शाम की नमाज के लिए जमा हुए थे।
तालिबान के कब्जे के बाद स्थिति और खराब हो गई
वहीं, 22 मई को भी अफगानिस्तान के काबुल से विस्फोट की खबर सामने आई थी। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इस घटना से एक दिन पहले इस्लामिक स्टेट ने कुंदुज प्रांत में 3 नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों यूएनएससी ने अफगानिस्तान पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि जब से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है। इसके बाद से पाकिस्तान के दो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा अफगानिस्तान में काफी सक्रिय हो गए हैं। इन दोनों संगठनों ने अफगानिस्तान के अंदर अपने लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए सैन्य शिविर भी स्थापित करना शुरू कर दिया है।