पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का महत्वपूर्ण सत्र प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्थगित कर दिया गया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

पाकिस्तान सरकार में जारी कलह के बीच गृह मंत्री शेख राशिद ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को सलाह दी थी कि वो 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए संघीय बजट पेश करने के बाद चुनाव कराएं. ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद उनकी लोकप्रियता पहले से ज्यादा बढ़ गई है.
इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राशिद ने जोर देकर कहा कि जल्द चुनाव का विचार उनकी अपनी राय थी और इस राय को पीटीआई के राय के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. विपक्ष को मूर्ख करार देते हुए राशिद ने कहा कि उनके इस कदम ने प्रधानमंत्री को लोकप्रियता के स्तर पर पहुंचा दिया है और यह चुनाव कराने का सही समय है. राशिद ने कहा, ‘मैं एक अच्छा बजट पेश करने के बाद जल्द चुनाव की मांग कर रहा हूं क्योंकि इस अक्षम विपक्ष ने हमें फिर से जीतने की इजाजत दी है.’
इमरान खान की सरकार गिरने की कगार पर
गौरतलब है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गिरने की कगार पर है. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के इशारे पर विपक्ष द्वारा इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. यह भी कहा गया है कि इमरान ने इस बात को खुद कबूल किया है कि उनकी सरकार 28 मार्च को गिर जाएगी. वहीं, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का महत्वपूर्ण सत्र प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्थगित कर दिया गया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद खयाल जमां के निधन के चलते सत्र को 28 मार्च शाम चार बजे तक के लिए स्थगित किया जाता है. दरअसल, आठ मार्च को विपक्षी पार्टियों द्वारा नेशनल असेंबली के सचिवालय में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है.
क्या कहते हैं नंबर्स?
इमरान खान (64) इन दिनों अपनी सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खान की सरकार गिराने के लिए विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है. इमरान के नेतृत्व वाली सरकार के अगर कुछ सांसद भी पाला बदल लेते हैं तो उन्हें और उनके मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना होगा और उनकी सरकार गिर जाएगी. इमरान को पद से हटाने के लिए पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है. सदन में इमरान सरकार के पास 155 सदस्य हैं और उसे सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों का समर्थन चाहिए. पार्टी को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सांसदों का समर्थन प्राप्त है