डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट मिलकर बना कोरोना वायरस का नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन भारत पहुंच गया है और कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली के अलावा कई राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं.

भारत में जहां कोरोना वायरस के मामलों में कमी देखी जा रही है, वहीं चीन और यूरोपियन देशों में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस बीच ओमिक्रॉन को लेकर एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें इसकी तुलना डेल्टा वेरिएंट से की गई है. डेल्टा वेरिएंट को अब तक कोरोना का सबसे खतरनाक वेरिएंट माना गया है. नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज भी एक सप्ताह तक दूसरों को संक्रमण फैला सकता है. वहीं, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के केस में चार से सात दिनों तक संक्रमण फैलाने की बात कही गई थी.
डेल्टा और ओमिक्रॉन का हाइब्रिड वेरिएंट है डेल्टाक्रॉन
एक्सपर्ट्स की मानें तो ये एक सुपर सुपर-म्यूटेंट वायरस, जिसका वैज्ञानिक नाम बीए.1 + बी.1.617.2 है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन है, जिसे सबसे पहले साइप्रस के रिसर्चर्स ने पिछले महीने खोजा था. उस समय तो वैज्ञानिकों ने इसे लैब में हुई एक तकनीकी गलती समझा था. लेकिन अब इसके ब्रिटेन में केस सामने आ रहे हैं. डेल्टाक्रॉन कोरोना वायरस का एक हाइब्रिड वेरिएंट है जो डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बनता है.
क्या हैं ओमिक्रॉन के लक्षण
ओमिक्रॉन वेरिएंट के एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके लक्षण हल्के हैं. इस संक्रमण से ग्रसित लोगों को शरीर में तेज दर्द हो सकता है. दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के मुताबिक, रात में पसीना आना ओमिक्रॉन का शुरुआती लक्षण हो सकता है. इसके अलावा सुगंध और स्वाद को महसूस न करना भी इसके लक्षण में शामिल है. हालांकि ओमिक्रॉन से संक्रमितों में यह लक्षण होना आम नहीं है. अन्य वेरिएंट की तरह ही ओमक्रॉन में भी खांसी के लक्षण देखे जा रहे हैं.