ओखतिरकास के एक स्कूल पर ‘क्लस्टर बम’ से टकराने से सात साल की बच्ची की मौत रूसी सेना के हमले में घायल होने के एक दिन बाद अलीसा हलन्स की मृत्यु हो गई विस्फोट से अपनी पोती को बचाने की कोशिश में उसके दादा की मौत हो गई थी.

यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज 13वां दिन है. इस युद्ध की वजह से यूक्रेन के हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जिसमें मासूम बच्चे भी शामिल है. रूसी सेना ने इस दौरान यूक्रेन के स्कूलों को भी शिकार बनाया है, जहां पर हुए एक ‘क्लस्टर बम’ हमले के दौरान सात साल की एक बच्ची की मौत हो गई है. अलीसा हलन्स नाम की इस बच्ची को बचाने के लिए उनके दादा ने पूरी कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्का ने कहा कि पुतिन की सेना जानबूझकर बच्चों को मार रही है.
उन्होंने 7 साल की अलीसा हलन्स के मामले पर बात कही, जो रूसी आक्रमण के दूसरे दिन ओख्तिरका के एक किंडरगार्टन में हुए हमले की चपेट में आने से मरने वाले छह लोगों में से एक थी. उन्होंने कहा कि उसके दादा युवा लड़की को बम से बचाने की कोशिश कर रहे थे. हमले के बाद की तस्वीरों में स्कूल के एंट्री गेट के चारों ओर शव बिखरे हुए दिखाई दे रहे थे, क्योंकि कर्मचारियों ने बच्चों को लेकर भागने की कोशिश की थी.
हमले में नर्सरी में छिपा कम से कम एक बच्चा घायल हो गया था. अभियोजक जनरल इरिना वेनेदिक्तोवा ने कहा कि अलीसा हमले के अगले दिन यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी सीमा से एक घंटे की ड्राइव पर ओख्तिरका के छोटे से शहर में अस्पताल में भर्ती थी और मौत को मात देने का प्रयास कर रही थी. वह अपने आठवें जन्मदिन से मात्र तीन महीने दूर थीं.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर नहीं बनी सहमति
रूस और यूक्रेन के बीच तीसरी दौर की बातचीत बेनतीजा निकली है. इससे पहले भी दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने के लिए दो दौर की बातचीत हुई थी. उस दौरान भी युद्ध विराम को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकल सका था. तीसरे दौर की बातचीत पर सबकी नजरें टिकी थीं. मगर रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकला. दोनों देशों के बीच पिछले 12 दिनों से जंग छिड़ी है और आज युद्ध का 13वां दिन है. न पुतिन की सेना पीछे हट रही है और न यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की हार मामने को तैयार हैं यूक्रेन संकट पर सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से बात की है.
युद्ध के चलते लाखों लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
दोनों मुल्कों के बीच छिड़ी जंग की वजह से अभी तक लाखों लोगों ने देश छोड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 17 लाख से अधिक लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले चुके हैं. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने सोमवार को बताया कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 17 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं. इनमें से करीब 10 लाख लोगों ने पोलैंड में शरण ली है. वहीं 1,80,000 से अधिक लोगों ने हंगरी में जबकि 1,28,000 लोगों ने स्लोवाकिया में शरण ली है.