अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से केवल और केवल अशांति फैली हुई है. यहां अब तक 400 नागरिकों की मौत हो गई है. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट पेश की है.

अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के बाद से अब तक कम से कम 400 नागरिकों की मौत हो गई है. इनमें से 80 फीसदी से अधिक इस्लामिक स्टेट से संबद्ध समूह द्वारा मारे गए हैं. इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दी गई है. इससे पता चलता है कि तालिबान के लौटने के बाद से यहां चरमपंथ किस हद तक बढ़ गया है. यह तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से इस तरह की पहली मानवाधिकार से जुड़ी रिपोर्ट है.
तालिबान ने बीते साल अगस्त महीने में 20 साल की जंग खत्म करते हुए वापसी कर रही अमेरिकी सेना के निकासी अभियान के दौरान कब्जा कर लिया था. उसी दिन से यहां इस्लामिक संगठन के हमले बढ़ गए हैं. ये देश अब महिलाओं, पत्रकारों और दूसरे कई समूहों के रहने लायक नहीं बचा है. रिपोर्ट में अगस्त 2021 के फरवरी के आखिरी महीने के बाद हुई नागरिकों की मौत के आंकड़े जुटाए गए हैं.
आईएसआईएस के हमलों में मरे 397 लोग
यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 397 नागरिकों की मौत इस्लामिक स्टेट खोरासान समूह के हमलों के कारण हुई है. ये वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान स्थित ब्रांच है. आतंकवादी समूह से संदिग्ध संबंधों वाले 50 से अधिक लोगों को भी इसी दौरान मारा गया है. इनमें से कुछ को प्रताड़ित किया गया, कुछ का सिर कलम किया गया और कई को सड़क किनारे फेंक दिया गया. जिसके चलते इनकी मौत हुई.