छात्र ने अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने साथियों को भी निकालकर लाया और बॉर्डर पहुंचाया उस के बाद खुद निकला. यूक्रेन से लौटे छात्र ने बताया कि कैसे सायरन बजने के बाद बंकर में जाना पड़ता था. अगर खा भी रहे होते थे, तो भागना पड़ता था.

यूक्रेन में जारी रूसी हमले को रोकने में भले ही पूरा विश्व नाकाम साबित हो रहे हो. लेकिन ऐसी विषम परिस्थितियों में जब यूक्रेनवासी यूक्रेन छोड़कर भाग रहे है, वही यूपी के औरैया जनपद के निवासी एक छात्र जोकि यूक्रेन में एमबीबीएस का 4 ईयर का स्टूडेंट है, ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पहले तो अपने सभी जूनियर्स को सकुशल यूक्रेन से निकाला. इसके बाद खुद यूक्रेन छोड़ा. हिंदुस्तान की पहचान सभ्यता से जानी जाती, जहां औरैया के रहने वाले शिव प्रताप ने दिखा दिया हम अपनों को छोड़कर नहीं जा सकते. शिव प्रताप सिंह के साथ काफी जूनियर बच्चे परेशान थे. लेकिन शिव प्रताप बराबर पहले जूनियर निकालने में लगे थे. जब जूनियर निकाल लिए गए उसके बाद खुद निकले.शिव प्रताप ने बताया आसपास के इलाकों में धमाका होता था, तो जूनियर डरते थे. लेकिन हम लोग हिम्मत नहीं हारने देते. यूक्रेन और रूस के युद्ध के बाद यूक्रेन में फंसे भारतियों की मानवता देखने को मिली. एक मिसाल शिव प्रताप ने कायम की. शिव प्रताप एमबीबीएस का फोर्थ ईयर के स्टूडेंट हैं.
अपनी जान भी जोखिम में डाली
शिव प्रताप को 24 तारीख को जानकारी दी गई थी. लेकिन उन्होंने सोचा शायद सब शांत हो जाए. उन्होंने अपने सभी साथी बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए अपनी भी जान जोखिम में डालते रहे. शिव प्रताप सिंह के साथ काफी जूनियर बच्चे परेशान थे. लेकिन शिव प्रताप बराबर पहले जूनियर निकालने में लगे थे. जब जूनियर निकाल लिए गए उसके बाद खुद निकले.
स्थानीय लोगों ने भी की मदद
वहीं शिव प्रताप की मानें तो वहां के लोग एक परिवार की तरह से मेरे लिए साथ थे. शिव प्रताप सिंह ने बताया वहां के लोगों ने काफी मदद की, वहां की जनता हम लोगों का काफी सपोर्ट कर रही थी. इसी के साथ वहां के सैनिक भी काफी मद्दद कर रहे हैं. लेकिन सुरूआत में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लेकिन अब काफी मदद कर रहे.