इसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रा एडवायजरी में बदलाव किया है, जो यूक्रेन से निकाले जा रहे भारतीयों के लिए विभिन्न छूट प्रदान करता है. इसमें उन्हें कई कोविड-19 संबंधित छूट प्रदान की गई हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकाले जा रहे भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रा एडवायजरी में बदलाव किया है, जो यूक्रेन से निकाले जा रहे भारतीयों के लिए विभिन्न छूट प्रदान करता है. इसमें उन्हें कई कोविड-19 संबंधित छूट प्रदान की गई हैं. भारतीय नागरिकों को अनिवार्य प्री-बोर्डिंग नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट और टीकाकरण प्रमाणपत्र में छूट दी गई है. इसके अलावा उन्हें एयर-सुविधा पोर्टल पर प्रस्थान से पहले दस्तावेज अपलोड करने की भी आवश्यकता नहीं है.
यदि कोई यात्री आगमन से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट पेश करने में सक्षम नहीं है या जिन्होंने अपना कोविड -19 टीकाकरण पूरा नहीं किया है, तो उन्हें भारत आने के बाद 14 दिनों के लिए अपने कोविड-19 के नमूने जमा करने की अनुमति दी गई है. 28 फरवरी 2022 तक यूक्रेन से 1156 भारतीय भारत आ चुके हैं, जिनमें से किसी भी यात्री को आइसोलेशन में नहीं रखा गया है.
अभी भी हजारों की मात्रा में भारतीय यूक्रेन में फंसे
भारत ने पहले ही पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया में 24 घंटे के नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, ताकि इन देशों से लगने वाली यूक्रेन की सीमा से जरिए भारतीयों को निकाला जा सके. इसको लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि लगभग 13,000 भारतीय अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने का प्रयास कर रही है.
यूक्रेन ने 24 फरवरी को बंद किया था देश का हवाई क्षेत्र
यूक्रेन के अधिकारियों ने 24 फरवरी की सुबह यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया, ताकि उन्हें एयर इंडिया की उड़ान के जरिए स्वदेश लाया जा सके.