ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद कोरोना घातक नहीं रहा है. मास्क फ्री होने से बची हुई आबादी संक्रमित हो जाएगी. जिससे लोगों में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा होगी.

कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक मास्क को संक्रमण से बचने का सबसे कारगर उपाय बताया जाता था, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने के बाद दुनियाभर में महामारी की रफ्तार अब धीमी पड़ने लगी है. कई एक्सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि कोरोना एंडेमिक बन सकता है. ब्रिटेन में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या भारत जैसे देश में भी मास्क पहनना बंद कर देना चाहिए? क्या अब आने वाले समय में कोरोना एक सामान्य बीमारी बन जाएगी? आइए जानते हैं कि इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट का क्या कहना है.
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ और वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमान कुमार ने बताया कि अब समय आ गया है कि देश को मास्क फ्री किया जाए. इससे यह फायदा होगा कि जिन लोगों को अभी कोरोना नहीं हुआ है. वह इससे संक्रमित होंगे और उनमें इम्यूनिटी बन जाएगी. ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने पर भी लोगों में हल्के लक्षण ही होंगे. इससे पॉजिटिव होने पर उनमें एंटीबॉडी बन जाएगी और उनको खतरा भी नहीं होगा. जब सभी लोग संक्रमित हो जाएंगे तो देशभर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाएगी. जो एक नेचुरल इम्यूनिटी का काम करेगी. इससे यह फायदा होगा कि अगर आने वाले समय में कोई खतरनाक वैरिएंट आता भी है तो उसका ज्यादा असर नहीं होगा. ऐसे में भविष्य में संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा और यह महामारी धीरे-धीरे एंडेमिक बन जाएगी. डॉ. के मुताबिक, दुनियाभर में कोरोना महामारी को आए दो साल से अधिक समय बीत चुका है. समय के साथ-साथ महामारी का दायरा भी सिकुड़ रहा है. देश में डेल्टा वैरिएंट के दौरान कोरोना ने कहर बरपाया था. उस दौरान मास्क लगाना बहुत जरूरी थी. अगर डेल्टा के बाद भी कोई खतरनाक वैरिएंट आता तो अब भी मास्क का महत्व था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब मास्क को पहनने की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए.