पंजाब में 20 फरवरी को वोटिंग होना है. इससे पहले सभी नेता अपने -अपनेसे चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने भी प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक सिद्धू जीवित है, तबतक कोई भी ईसाई धर्म पर ऊँगली नहीं उठा सकता है

पंजाब में चुनाव को लेकर सभी पार्टियों प्रचार में जुटी हुई हैं. लेकिन इस चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को नेताओं की आंतरिक कलह से जूझना पड़ रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने चरणजीत चन्नी को सीएम का चेहरा बनाने के फैसले को स्वीकार करने का दावा किया है. लेकिन हफ्ते में दूसरी बार नवजोत सिंह सिद्धू प्रचार अभियान को बीच में ही छोड़कर वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए चले गए. नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. गुरुवार को सिद्धू ने अमृतसर ईस्ट में चुनाव प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारा और हाल ही में वैष्णो देवी का भी दौरा किया. ‘जब तक मैं जीवित हूं, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कोई भी ईसाई धर्म पर बुरी नजर नहीं डाल सकता है’.अमृतसर नवजोत सिंह सिद्धू का गढ़ रहा है. विधायक बनने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर से तीन लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. 2014 में नवजोत सिंह सिद्धू को अरुण जेटली के लिए यह सीट छोड़नी पड़ी थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हालांकि अरुण जेटली को 2014 के लोकसभा चुनाव में हरा दिया था. इस बार नवजोत सिंह सिद्धू के लिए अमृतसर ईस्ट से लड़ाई जीतना आसान नहीं है. सिद्धू को शिरोमणि अकाली दल के दिग्गज नेता बिक्रम सिंह मजीठिया चुनौती दे रहे हैं. नवजोत कौर ने हालांकि बिक्रम मजीठिया पर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को धमकाने के आरोप लगाए हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 फरवरी को होना है.
सीएम उम्मीदवार की रेस में थे सिद्धू
वहीं सीएम उम्मीदवार को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘पंजाब के लोग तय करेंगे कि आपको 60 विधायक मिलते हैं या नहीं. अगर 60 विधायक नहीं जीत कर आए तो सीएम कैसे बनेगा. एक बात ध्यान से समझ लेने चाहिए कि राजनीति में कुछ भी तय नहीं होता है’. नवजोत सिंह सिद्धू ने आगे कहा, ‘अगर 60 विधायक जीत जाते हैं तो हमारा सीएम बनेगा, लेकिन ऐसा नहीं होता तो फिर कोई और सरकार बनाएगा, या फिर अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता है तो फिर क्या होगा इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता’.
कांग्रेस ने चन्नी पर जताया भरोसा
कांग्रेस पार्टी के सीएम का चेहरा बनने की रेस में प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने सिद्धू की बजाए चरणजीत सिंह चन्नी को चेहरा बनाने का फैसला किया. नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी को भरोसा दिलाया था कि वह हाईकमान के फैसले के साथ हैं. वहीं विरोधी दलों की ओर से कांग्रेस के सीएम के चेहरे का एलान होने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू पहले दावा करते रहे हैं कि सीएम का फैसला हाईकमान नहीं, बल्कि पंजाब के लोग करेंगे. सिद्धू के इसी बयान को विपक्षी दल उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं.