सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब फेसलेस एसेसमेंट में बिना कोई एप्लिकेशन लिखे पर्सनल हियरिंग हो सकेगी. इसके साथ ही एसेसमेंट के खिलाफ कोर्ट जाने के नियम को भी हटाने का फैसला लिया गया है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के फेसलेस एसेसमेंट प्रोग्राम के तहत अभी तक करीब 2 लाख इनकम टैक्स के मामलों का निपटारा किया जा चुका है. हालांकि, इसमें अभी और तेजी लाने की तैयारी की जा रही है जिसके लिए इससे जुड़े नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं. बता दें कि देश के ईमानदार टैक्स पेयर्स को एसेसमेंट के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए साल 2020 के अगस्त महीने में फेसलेस एसेसमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी. इस प्रोग्राम के तहत अभी तक 3 लाख के करीब मामले आए हैं, जिनमें से दो-तिहाई यानी करीब 2 लाख मामलों का सैटलमेंट किया जा चुका है.
पुराने नियमों में नहीं मिलती थी पर्सनल हियरिंग ही इजाजत
टैक्स पेयर्स की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए इस फेसलेस एसेसमेंट प्रोग्राम के तहत भी कई तरह की दिक्कतें आ रही थीं. दरअसल, इस फेसलेस एसेसमेंट सिस्टम में पर्सनल हियरिंग या अपीयरेंस की इजाजत नहीं थी. पुराने नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति को पर्सनल हियरिंग या अपीयरेंस की अनुमति मांगने के लिए इनकम टैक्स कमिश्नर या डीजीआईटी को एप्लिकेशन लिखना पड़ता था. हालांकि, ज्यादातर लोगों को ये यहां से भी अनुमति नहीं मिल पाती थी. लिहाजा, इससे जुड़े ज्यादातर मामले कोर्ट में चले जाते हैं. फेसलेस एसेसमेंट से जुड़ी इसी समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने बजट 2022-23 में बड़ा ऐलान किया है.
फेसलेस एसेसमेंट के जरिए मामलों के निपटारे में तेजी लाने की कोशिश
सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब फेसलेस एसेसमेंट में बिना कोई एप्लिकेशन लिखे पर्सनल हियरिंग हो सकेगी. इसके साथ ही एसेसमेंट के खिलाफ कोर्ट जाने के नियम को भी हटाने का फैसला लिया गया है. सरकार की कोशिश है कि इनकन टैक्स से जुड़े विवाद में कमी लाए जाए, जिससे लोगों को न चाहते हुए भी कोर्ट के चक्कर न लगाने पड़ें. सरकार चाहती है कि फेसलेस एसेसमेंट के तहत ज्यादा से ज्यादा मामलों को आसानी से निपटाया जाए. सरकार की कोशिश है कि इनकम टैक्स के फेसलेस एसेसमेंट प्रोग्राम के तहत कोर्ट में कम से कम विवाद जाएं ताकि इससे जुड़े मामलों का तेजी से सैटलमेंट किया जा सके.