आज की ताजा खबर गोवा

श्रद्धा बनी त्रासदी: गोवा मंदिर में भगदड़ से 7 की मौत, कई घायल

यह घटना उस समय हुई जब भारी भीड़ में अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे लोग सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे।

गोवा के एक प्रसिद्ध मंदिर में शुक्रवार को एक धार्मिक आयोजन के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 7 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि भीड़ में अचानक मची अफरा-तफरी का कारण बिजली का करंट हो सकता है। हादसा गोवा के मोरलेम गांव में स्थित श्री शांतेश्वर मंदिर में हुआ, जहां वार्षिक जत्रा महोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे थे।

घटना कैसे हुई?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना सुबह लगभग 10:15 बजे उस समय हुई जब मंदिर प्रांगण में पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक गतिविधियाँ चल रही थीं। मंदिर के मुख्य प्रांगण में हज़ारों श्रद्धालु एकत्रित थे। इसी दौरान अचानक एक चीख-पुकार सुनाई दी और देखते ही देखते भीड़ में हड़कंप मच गया।

कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने बिजली के झटके महसूस किए, जिसके बाद लोगों ने इधर-उधर भागना शुरू कर दिया। भगदड़ में कई लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े और कुछ लोगों को नीचे कुचल दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी
विकास नाइक, जो अपनी मां के साथ मंदिर आए थे, ने बताया, “हम दर्शन के लिए लाइन में खड़े थे। अचानक किसी ने चिल्लाया ‘करंट लग गया!’ और सभी लोग भागने लगे। मेरी मां गिर पड़ीं और मुझे खींचकर बाहर लाना पड़ा।”

संगीता देसाई, एक श्रद्धालु जो मंदिर की रसोई में सेवा कर रही थीं, ने बताया, “मुझे महसूस हुआ कि जमीन पर हल्का करंट आ रहा है। फिर देखा कि लोग चिल्ला रहे हैं और बच्चे डर के मारे रो रहे हैं।”

मृतकों की पहचान
अब तक जिन 7 मृतकों की पहचान की गई है, उनमें 3 महिलाएं, 2 पुरुष और 2 बच्चे शामिल हैं। स्थानीय अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, कुछ शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि वे गंभीर रूप से कुचले गए हैं। घायलों को नजदीकी बिचोलिम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और कुछ को गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद घटना है। हम मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, करंट लगने की आशंका है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही कुछ निश्चित कहा जा सकता है।”

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख का मुआवजा और गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

मंदिर ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
श्री शांतेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर नाइक ने कहा, “हमने बिजली व्यवस्था और सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन यह हादसा बहुत अप्रत्याशित था। हम प्रशासन के साथ मिलकर पूरी घटना की जांच में सहयोग करेंगे।”

तकनीकी कारणों की जांच
घटना के तुरंत बाद बिजली विभाग और आपदा प्रबंधन टीम को मौके पर भेजा गया। प्रारंभिक तकनीकी रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर के एक साइड में लगे माइक्रोफोन सिस्टम या जनरेटर सेट में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे अर्थिंग फेल्योर हुआ और ज़मीन पर हल्का करंट फैल गया।

विशेषज्ञों की मानें तो यदि खुले तार या गीली ज़मीन के संपर्क में बिजली आई हो, तो भीड़ में खड़े लोगों को करंट लगने का अहसास हो सकता है। इसी डर से भगदड़ की स्थिति बनती है।

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल
हादसे के बाद एक बार फिर धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। एक ओर जहां आयोजन में हजारों की भीड़ थी, वहीं पर्याप्त संख्या में पुलिस बल या एंबुलेंस मौजूद नहीं थे। न ही भीड़ नियंत्रित करने के लिए प्रवेश और निकास मार्गों का स्पष्ट विभाजन किया गया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “इस आयोजन के लिए सिर्फ 10 सिविल डिफेंस वालंटियर्स और 2 पुलिसकर्मी तैनात थे, जो भीड़ पर नियंत्रण नहीं कर पाए।”

विपक्ष का हमला
इस घटना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है। गोवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित पाटकर ने कहा, “यह सरकार की लापरवाही का परिणाम है। हर साल यह जत्रा होता है, लेकिन कोई सुरक्षा प्रोटोकॉल नहीं बनाए जाते। क्या 7 जानें जाने के बाद ही सरकार जागेगी?”

सोशल मीडिया पर गुस्सा
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूटा। ट्विटर और फेसबुक पर लोगों ने लिखा कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन में आपदा प्रबंधन की कोई तैयारी नहीं थी। कुछ ने पुराने वीडियो और तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि पहले भी ऐसे आयोजनों में अव्यवस्था की शिकायतें आई थीं।

भविष्य के लिए सबक
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और तकनीकी सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाही बरती जाती है। अक्सर आयोजक श्रद्धालुओं की आस्था पर भरोसा कर भीड़ का अनुमान नहीं लगाते और प्रशासन भी महज औपचारिकता निभा कर रह जाता है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि भविष्य में किसी भी बड़े आयोजन के लिए:

  • आयोजन स्थल की इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य की जाए
  • भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किया जाए
  • सीसीटीवी निगरानी और आपात निकास मार्गों की योजना बनाई जाए
  • आयोजनों के लिए इमरजेंसी रिस्पांस प्लान तैयार किया जाए

निष्कर्ष
गोवा के मंदिर में हुआ यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की विफलता और लापरवाही की गंभीर मिसाल है। श्रद्धालु जब आस्था और विश्वास के साथ मंदिर आते हैं, तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी व्यवस्था की होती है। अब देखना यह है कि सरकार और ट्रस्ट मिलकर इस हादसे से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।

Avatar

admin

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.