प्रियांका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ष 2008 की एक कथित जमीन सौदे से जुड़े मामले में दूसरी बार समन जारी किया है।

राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में दूसरी बार समन जारी किया है। यह मामला वर्ष 2008 में हुए एक कथित भूमि सौदे से जुड़ा है, जो पहले भी विवादों में रहा है।
इस समन के बाद एक बार फिर से रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस पार्टी को विपक्षी दलों के निशाने पर आने की संभावना बढ़ गई है, वहीं वाड्रा पक्ष से इसे “राजनीति से प्रेरित कार्रवाई” बताया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा यह मामला वर्ष 2008 में हुए एक जमीन सौदे से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की एक कंपनी ने राजस्थान के बीकानेर ज़िले में कुछ संदिग्ध ज़मीन सौदों के ज़रिए कथित रूप से काले धन को सफेद किया।
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि इस सौदे में फर्जी दस्तावेज़ों और मुखौटा कंपनियों का उपयोग कर के भूमि को सस्ते दामों पर खरीदा गया और बाद में ऊंचे दामों पर बेचा गया, जिससे अवैध लाभ कमाया गया।
इस मामले में ईडी ने पहले भी पूछताछ की थी और अब दोबारा नए सबूतों के आधार पर रॉबर्ट वाड्रा को समन भेजा गया है।
दूसरी बार समन
प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा को पहले भी 2019 और 2020 में पूछताछ के लिए बुलाया था। अब 2025 में दोबारा यह समन जारी किया गया है, जिससे इस पुराने मामले में जांच फिर से तेज़ हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को कुछ नए बैंकिंग दस्तावेज़, लेन-देन के रिकार्ड और विदेशी संपत्ति से जुड़ी जानकारियाँ मिली हैं, जिन्हें वाड्रा के बयान से क्रॉस-चेक करना है।
रॉबर्ट वाड्रा की प्रतिक्रिया
रॉबर्ट वाड्रा ने पहले भी इस मामले में किसी भी प्रकार की गलत कार्रवाई से इनकार किया है। उनका कहना है कि वे कानून का सम्मान करते हैं और हर प्रकार की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को एक राजनीति से प्रेरित साजिश बताया है।
एक बयान में वाड्रा ने कहा:
“मैं बार-बार कहता आया हूं कि मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। मेरे व्यापारिक कार्यों को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, क्योंकि मैं एक राजनीतिक परिवार का हिस्सा हूं।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने रॉबर्ट वाड्रा को समन भेजे जाने को चुनाव पूर्व राजनीति करार दिया है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि चुनाव से पहले राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना भारतीय जनता पार्टी की पुरानी रणनीति रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा:
“यह कोई नई बात नहीं है। जब भी चुनाव नज़दीक आते हैं, बीजेपी सरकार रॉबर्ट वाड्रा या गांधी परिवार को निशाना बनाती है ताकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके। जनता अब इन हथकंडों को समझ चुकी है।”
भाजपा का पलटवार
वहीं भाजपा नेताओं ने कहा है कि कानून सबके लिए समान है, और अगर किसी ने गलत किया है, तो उसे न्याय का सामना करना ही पड़ेगा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा:
“कांग्रेस पार्टी कानून की कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताकर बच नहीं सकती। अगर सब कुछ पारदर्शी था, तो डर किस बात का?”
अब तक की जांच में क्या हुआ?
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जांच में कई अहम बिंदु सामने आए हैं:
वाड्रा की कंपनियों ने कथित रूप से भूमि खरीदने के लिए भारी नकदी का लेन-देन किया।
इन लेन-देन में कुछ बेनामी खातों और मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल हुआ।
विदेशों में संपत्तियाँ खरीदने के लिए भी इसी राशि का उपयोग किए जाने का शक है।
ईडी ने लंदन की एक संपत्ति से भी रॉबर्ट वाड्रा का संबंध जोड़ने की कोशिश की है, जो पहले जांच का हिस्सा रह चुका है।
लंदन प्रॉपर्टी केस भी फिर चर्चा में
रॉबर्ट वाड्रा का नाम लंदन स्थित एक आलीशान बंगले से भी जुड़ चुका है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। ईडी का आरोप है कि यह संपत्ति एक मुखौटा कंपनी के माध्यम से खरीदी गई, और इसकी फंडिंग भारत से हुई संदिग्ध लेन-देन से जुड़ी है।
हालांकि वाड्रा ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि उनका उस संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या आगे हो सकता है?
प्रवर्तन निदेशालय के समन के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा को अगले सप्ताह ईडी के समक्ष पेश होना होगा। अगर वे पेश नहीं होते हैं, तो एजेंसी उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है, जिसमें गैर-जमानती वारंट या संपत्ति की कुर्की जैसे विकल्प भी शामिल हैं।
अगर वाड्रा पेश होते हैं, तो:
उनसे कई घंटे की पूछताछ की जाएगी।
दस्तावेज़ों और पुराने बयानों से मेल कराया जाएगा।
उनका सामना पुराने गवाहों और सबूतों से कराया जा सकता है।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस खबर के आते ही बहस छिड़ गई है। ट्विटर पर #RobertVadra, #ED और #LandDeal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे राजनीति से प्रेरित बदले की कार्रवाई कह रहे हैं।
निष्कर्ष
रॉबर्ट वाड्रा को ईडी द्वारा दोबारा समन भेजा जाना एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार को जांच एजेंसियों के घेरे में लाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है।
विपक्ष इसे सत्ता की राजनीति बताता है, तो सत्ता पक्ष इसे कानून का पालन। लेकिन अंततः सच और न्याय की जीत ही लोकतंत्र की असली पहचान होगी।