प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले परंपरागत संबोधन करते हुए यह टिप्पणी की।

भारत में संसद का बजट सत्र 2025 आज से शुरू होने जा रहा है, और इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को परंपरागत संबोधन में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि “दस सालों में पहली बार कोई विदेशी चिंगारी नहीं आएगी।” उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा गया है, क्योंकि यह बयान विपक्ष की ओर से लगातार उठाए जा रहे मुद्दों के संदर्भ में था। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान स्पष्ट रूप से विपक्ष की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है, जिनकी अक्सर यह शिकायत रही है कि सरकार विदेशी तत्वों और इंटरनेशनल प्रभावों को देश के आंतरिक मामलों में घसीटने का प्रयास करती है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान संसद के बजट सत्र से पहले आया है, जब भारत की आर्थिक और राजनीतिक दिशा को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश ने अपनी आंतरिक समस्याओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और अब वह आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उनका यह बयान विपक्षी दलों द्वारा अक्सर लगाए गए आरोपों का जवाब था, जिनका कहना था कि देश की आंतरिक समस्याओं को सुलझाने में सरकार विदेशों के प्रभाव को अधिक महत्व देती है।
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “आज भारत आत्मनिर्भर बन चुका है, अब देश को किसी बाहरी ताकत की जरूरत नहीं है।” पीएम मोदी का यह बयान खासतौर पर उन आलोचनाओं के संदर्भ में था, जिनमें विपक्ष का आरोप था कि सरकार ने भारत की विदेश नीति को घरेलू राजनीति में इस्तेमाल किया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “अब कोई विदेशी चिंगारी नहीं आएगी, क्योंकि भारत की आग अब अपने आप जलने लगी है।” इस बयान में उन्होंने आत्मनिर्भरता के साथ-साथ भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को भी रेखांकित किया। मोदी का यह बयान इस बात का संकेत था कि सरकार विदेशों के प्रभाव से बाहर निकल कर देश की आंतरिक ताकत पर ज्यादा जोर देगी।
विपक्ष को किया कटघरे में
प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को विपक्ष के खिलाफ एक स्पष्ट हमला माना जा रहा है। मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने हमेशा विदेशियों के पक्ष में खड़ा होकर भारत की छवि को खराब करने की कोशिश की है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता अब उन नीतियों को समझ चुकी है जो आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने में मददगार साबित हो रही हैं।
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार विदेशी निवेशकों को विशेष लाभ दे रही है और देश के आम नागरिकों की परेशानियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य हमेशा भारत की विकास यात्रा को प्रोत्साहित करना रहा है, और इस दिशा में किए गए सभी कदम देशहित में हैं।
बजट सत्र में होंगे महत्वपूर्ण फैसले
बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल के बजट को लेकर भी उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आगामी बजट न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से, बल्कि देश के सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा। भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई नई योजनाओं की घोषणा हो सकती है।
इसके अलावा, कृषि क्षेत्र, नौकरी सृजन और महंगाई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। सरकार द्वारा किसानों के लिए राहत पैकेज, युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं और मध्यवर्ग के लिए कर राहत देने की संभावना है।
विपक्ष का पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार अपने कार्यों की नाकामी को छिपाने के लिए इस तरह के बयानों का सहारा ले रही है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि “अगर विदेशियों से कोई समस्या नहीं है तो फिर सरकार ने विदेशी निवेशकों को क्यों प्राथमिकता दी है?”
विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि सरकार ने अपनी नीतियों के जरिए देश के आम लोगों को परेशान किया है और मध्यवर्ग और कृषि क्षेत्र के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान एक तरफा और हकीकत से दूर है। सरकार को अपनी नीतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि देश के लोगों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।”
बजट सत्र 2025 में इन मुद्दों पर गरमागरम बहस होने की संभावना है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस सत्र में किस तरह के राजनीतिक और आर्थिक विवाद सामने आते हैं।