काम की बात

बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने के लिए रिजर्व बैंक कर सकता है ‘फ्रॉड रजिस्ट्री’ की स्थापना,जिससे बैंकिंग धोखाधड़ी से ऐसे मिलेगी निजात

इस रजिस्ट्री में फ्रॉड से जुड़े हर डेटाबेस को शामिल किया जाएगा ताकि उसकी छानबीन कर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. डेटाबेस से मिली जानकारी के आधार पर फ्रॉड से बचाव के मुकम्मल इंतजाम किए जा सकें.

भारतीय रिजर्व बैंक ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फ्रॉड रजिस्ट्री बनाने जा रहा है. हाल के वर्षों में बैंकिंग धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने फ्रॉड रजिस्ट्री बनाने का फैसला किया है. इस रजिस्ट्री में फ्रॉड करने वाली वेबसाइट, फ्रॉड से जुड़े फोन और डिजिटल फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले तौर-तरीकों का जिक्र होगा. इस रजिस्ट्री में फ्रॉड से जुड़े हर डेटाबेस को शामिल किया जाएगा ताकि उसकी छानबीन कर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. डेटाबेस से मिली जानकारी के आधार पर फ्रॉड से बचाव के मुकम्मल इंतजाम किए जा सकें.

फ्रॉड रजिस्ट्री में दर्ज डेटाबेस से फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. रजिस्ट्री में जिन-जिन वेबसाइट और फोन नंबर को दर्ज किया जाएगा, वे नंबर और वेबसाइट ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे. इससे इन नंबरों या फ्रॉड करने वाली वेबसाइट का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. हालांकि फ्रॉड रजिस्ट्री कितने दिनों में और कब खुलेगा, इसकी कोई निश्चित जानकारी सामने नहीं आई है. रिजर्व बैंक ने इसकी कोई तारीख नहीं बताई है, लेकिन इस दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं.

फ्रॉड रजिस्ट्री का काम

रिजर्व बैंक के मुताबिक, फ्रॉड रजिस्ट्री बनाने से पहले अलग-अलग पक्षों से बात हो रही है और अंतिम निर्णय बातचीत के बाद ही लिया जाएगा. इसमें पेमेंट सिस्टम और सुपरविजन कंपनियों से बात चल रही है. योजना के अनुसार, पेमेंट सिस्टम कंपनियों को इस रजिस्ट्री का एक्सेस दिया जाएगा ताकि कंपनियां रियल टाइम में फ्रॉड की घटना के बारे में जान सकें. इसके बाद फ्रॉड का डेटा आम लोगों के लिए प्रकाशित किया जाएगा ताकि जोखिम से बचाव के लिए लोग एहतियात बरत सकें. लोगों को यह पता चल सके कि पेमेंट या बैंकिंग से जुड़े काम में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि क्रेडिट इनफॉरमेशन कंपनी यानी कि सीआईसी के ग्राहक भी रिजर्व बैंक के इंटीग्रेटेड ओम्बुड्समैन स्कीम के तहत आएंगे. पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राहकों की शिकायतों के निपटारे के लिए नए सिस्टम का ऐलान किया था जिसके अंतर्गत बैंकिंग, एनबीएफसी और डिजिटल पेमेंट सिस्टम आते हैं. इस काम को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘वन नेशन वन ओम्बुड्समैन’ का ऐलान किया था.

लोकपाल योजना का फायदा

यहां ओम्बुड्समैन स्कीम का अर्थ है लोकपाल योजना. इसी लोकपाल योजना के तहत दर्ज शिकायतों को साझा करते हुए रिजर्व बैंक ने बताया है, 2021-22 के दौरान 4.18 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि पिछले वर्ष 3.82 लाख शिकायतें प्राप्त हुई थीं. पिछले वित्तीय वर्ष में 97.9 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया, जबकि पिछले वर्ष में 96.5 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया था.

किसी भी तरह के बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए रिजर्व बैंक की सलाह है कि अपने बैंक अकाउंट की जानकारी कभी किसी को न दें. अगर फ्रॉड हो भी जाए तो फौरन इसकी जानकारी बैंक की दी जानी चाहिए ताकि खतरे को कम किया जा सके. अपने फोन और डिवाइस पर कोई भी अनजान ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहिए. बैंक, एनबीएफसी या ई-वॉलेट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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Pooja Pandey

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