उत्तर प्रदेश में कॉल कर जान से मारने की धमकी देने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. मथुरा के बाद अब ज्ञानवापी केस के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य को पाकिस्तान से फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है.

उत्तर प्रदेश में कॉल कर जान से मारने की धमकी देने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. मथुरा के बाद अब ज्ञानवापी केस के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य को पाकिस्तान से फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है. धमकी देने वाले शख्स ने उनसे कहा कि ‘राजस्थान के कन्हैया की तरह ही तुम्हारा भी सिर तन से जुदा कर दिया जाएगा’. धमकी देने वाला शख्स उनसे मुकदमा वापस लेने की बात कही है. सोहन लाल ने वाराणसी कमिश्नर और डीएम से मिलकर शिकायत पत्र दिया है. उन्होंने लक्सा थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.
सोहनलाल ने बताया कि इससे पहले भी उन्हें इसी साल 19 मार्च और फिर 20 जुलाई को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. इस घटना के बाद सोहन लाल ने कहा, ‘वो इससे डरने वाले नहीं हैं. हिंदुत्व और बाबा विश्वनाथ के मंदिर की रक्षा के लिए प्राण भी चला जाए तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा’. अभी उनकी सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
पाकिस्तान से मिला धमकी भरा कॉल
19 मार्च 2022 को +923155984161 नंबर से उनको कॉल आया था. इसके बाद 19 जुलाई 2022 को +923068123737 नंबर से धमकी भरा कॉल आया. गौर करने वाली बात यह है कि ये दोनों धमकी भरे कॉल 19 तारीख को ही किए गए थे. उन्होंने पाकिस्तान से धमकी भरा कॉल आने की सूचना वाराणसी के पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी थी. अधिकारियों का कहना है कि डॉ. सोहन लाल आर्य की तहरीर के आधार पर लक्सा थाने में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में 1984 से कानूनी लड़ाई लड़ने वाले और मौजूदा समय में 4 महिला वादियों के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य और उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी जो ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वादी है, इन दोनों को पाकिस्तान के नंबर से फोन पर ज्ञानवापी केस से वापस नहीं हटने पर जान से मारने की धमकी मिली, जिसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों से संपर्क किया.
‘अब मरने का कौन सा डर’
सोहनलाल आर्य ने कहा कि वह 1984 से ज्ञानवापी मामले को लेकर कानूनी लड़ाई न्यायालय में लड़ रहे हैं. उन्हें अपनी जान की चिंता नहीं है. उन्हें सबसे बड़ी खुशी इस बात की होगी कि जैसे राम मंदिर की लड़ाई जीत कर वहां भव्य मंदिर बनते देख रहे हैं, वैसे ही ज्ञानवापी की लड़ाई भी जीत कर उस पर भी फिर से मंदिर निर्माण होता देख सकें. डॉ. आर्य ने बेहद उत्साहित तरीके से कहा कि 72 साल की उम्र हो गई अब मरने का कौन सा डर. अगर बाबा की सेवा में जान भी चली जाए तो कोई परवाह नहीं है. डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा कि इन धमकियों से उन्हें और उनके परिवार को कोई डर नहीं है, क्योंकि इस तरह की धमकी देने वाले अपना काम करेंगे और वह अपना काम करेंगे.
डॉ सोहनलाल आर्य ने शासन द्वारा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए जाने पर आभार और धन्यवाद व्यक्त किया. जिला प्रशासन का उनके साथ पूरा सहयोग है. वह लोग हर समय उनसे संपर्क में रहते हैं. इंटेलिजेंस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण में ऐसी संभावना है कि भारत का ही रहने वाला कोई असमाजिक तत्व जिसका संबंध पाकिस्तान से होगा, वह वहां के मोबाइल नंबर से धमकी दे रहा है. धमकी देने वालों को तलाशने में खुफिया विभाग के साथ स्थानीय टीमें लगी हुई हैं.