उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी को झटका लगा है। दरअसल, इसके लिए पहली बार ग्लोबल टेंडर डाला गया था, जो तकनीकी कारणों की वजह से खोला नहीं जा सका।

यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट न्यू नोएडा को शुरुआत में ही पहला झटका लगा है. दिल्ली की स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कंपनी को मास्टर प्लान समेत कुछ दूसरी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन तय वक्त बीतने और दो महीने लेट होने के बाद भी अभी रिपोर्ट नोएडा अथॉरिटी में जमा नहीं की गई हैं. इससे नाराज अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कंपनी को सख्त लैटर लिखा है. साथ ही हिदायत दी है कि जल्द से जल्द मास्टर प्लान और रिपोर्ट जमा कराएं. गौरतलब रहे कुछ महीने पहले एसपीए कंपनी ने मास्टर प्लान से जुड़ी एक रिपोर्ट अथॉरिटी को भेजी थी. लेकिन जरूरी संशोधन के साथ अथॉरिटी ने रिपोर्ट वापस कर दी थी. दोबारा से यह रिपोर्ट भी अथॉरिटी के दफ्तर में नहीं पहुंची है.
ऐसा होगा न्यू नोएडा का डीएनजीआईआर
नोएडा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो इस योजना में एसईजेड भी विकसित किया जाएगा. एसईजेड के अंतर्गत इंडस्ट्रियल यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब और इंटिग्रेटेड टाउनशिप को इस योजना में मौका दिया जाएगा. उनका कहना है कि नोएडा के अनुभव और सीईओ रितु माहेश्वरी की प्लानिंग को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी को इस बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है.
दो रेल कॉरिडोर का हब बनेगा न्यू नोएडा
210 वर्ग किमी में बसने वाला न्यू नोएडा कई मायनों में खास होगा. सबसे बड़ी बात यह कि दो अहम रेल कॉरिडोर न्यू नोएडा से होकर ही गुजरेंगे. न्यू नोएडा रेल कॉरिडोर का हब बनेगा. दिल्ली-मुम्बई और अमृतसर से कोलकाता रेल कॉरिडोर का यहां बड़ा हाल्ट होगा. इससे दिल्ली-एनसीआर के कारोबार को बड़ा फायदा मिलेगा.
फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग से भी न्यू नोएडा को कनेक्ट किया जाएगा. न्यू नोएडा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनो तरफ बसाया जाएगा. इसमे गौतम बुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल रहेंगे. हालांकि नोएडा अथॉरिटी कुछ तकनीकी वजह के चलते 12 गांवों को और न्यू नोएडा में शामिल करने जा रही है.