फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एडिबल ऑयल ट्रेडर्स ने बताया कि मार्च 2021 में इंडोनेशिया में एक लीटर ब्रांडेड कुकिंग ऑयल की कीमत 14,000 इंडोनेशियाई रुपये थी। यह मार्च 2022 में बढ़कर 22,000 रुपये हो गया है। इसमें आपको और तेजी देखने को मिलेगी।

भारत में खाद्य तेल की कीमतों में होली के बाद पिछले कुछ दिनों में थोड़ी नरमी देखी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर बृहस्पतिवार से इसके दाम में तेजी का दौर दिखाई दे रहा है. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि भारत में खाद्य तेलों और विशेष रूप से पाम तेलों की कीमतों में फिर से वृद्धि होने की संभावना है. पहले से ही महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है. देश में पेट्रोल , डीजल, दूध, सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में हालिया वृद्धि के बीच खाद्य तेलों की और महंगाई लोगों की परेशानी को बढ़ा सकती है. भारत खाद्य तेलों के मामले में दूसरे देशों यानी इंपोर्ट पर निर्भर है.
ठक्कर ने बताया कि इंडोनेशिया में पाम तेल संकट से भारत में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है. दुनिया में पाम तेल के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक इंडोनेशिया में ताड़ के तेल की कमी के साथ यह एक बहुत ही अलग तरह का संकट है. कमी इतनी अधिक है कि इंडोनेशियाई सरकार को कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाने पड़े हैं. इसमें कुछ मूल्य नियंत्रण और निर्यात उपाय शामिल हैं.
कितना बढ़ गया है दाम
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ ने बताया कि मार्च 2021 में, इंडोनेशिया में एक लीटर ब्रांडेड खाना पकाने के तेल की कीमत 14,000 इंडोनेशियाई रुपये थी. यह मार्च 2022 में बढ़कर 22,000 इंडोनेशियाई रुपये हो गई है. इस तरह देश में खाद्य तेलों का दाम एक साल में 57 फीसदी बढ़ा है. एक फरवरी को, इंडोनेशियाई सरकार ने खुदरा मूल्य सीमा निर्धारित की है. स्थानीय स्तर पर कीमतों को नियंत्रित करने के अलावा, सरकार ने निर्यातकों के लिए नियम कड़े किए हैं.
भारत में दिखेगा इंडोनेशिया का असर
ठक्कर ने बताया कि सरकार ने निर्यातकों के लिए अपने शिपमेंट का 20 प्रतिशत घरेलू बाजार में बेचना अनिवार्य कर दिया. बाद में 1 सप्ताह के भीतर इसमें परिवर्तन कर 30 फीसदी घरेलू बाजार में बेचने की बाध्यता कायम कर दी गई. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाम तेल की कमी को देखते हुए इंडोनेशिया सरकार इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. भारत अपना अधिकांश खाने वाला तेल इंडोनेशिया से आयात करता है. ऐसे में इंडोनेशिया में पाम तेल की कमी का असर जल्द ही घरेलू बाजार में महसूस किया जा सकता है.
अपनी जरूरत का 60 फीसदी आयात करता है भारत
भारत अपने खाद्य तेल का 60 फीसदी से अधिक अन्य देशों से आयात करता है. वहीं, कुल खाद्य तेलों में पाम तेल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है. ऐसे में सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो भारत के लोगों का बजट तेल के दामों की वजह से बिगड़ सकता है. संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने कहा हमने कुछ महीने पहले सरकार को तेलों के दामों को काबू में करने के लिए सुझाव भेजे हैं, लेकिन सरकार ने उसको नजरअंदाज किया है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.