कांग्रेस में हार पर मचे घमासान के बीच धारचूला विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर दावा ठोक दिया। बकौल धामी, मैं तीन बार का विधायक हूं। युवा हूं, सैनिक का बेटा हूं और कांग्रेस का समर्पित सिपाही हूं। यदि हाईकमान मेरे नाम पर विचार नहीं करता तो मुझे भी भविष्य को लेकर विचार करना होगा।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद अभी नई सरकार का गठन भी नहीं हो पाया हैं. जहां पर कांग्रेस पार्टी में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दौड़ शुरू भी हो गई है.वहीं, अब धारचूला विधानसभा सीट से विधायक हरीश धामी ने युवा कार्ड खेलते हुए नेता प्रतिपक्ष के लिए खुद से अपना नाम आगे किया है. कुमाऊं की धारचूला सीट से 3 बार के विधायक हरीश धामी के मुताबिक, वह युवा विधायक हैं और लगातार अपने क्षेत्र से जीतते आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान को भी पार्टी में युवाओं को नेत्रत्व करने का अवसर देना चाहिए.
दरअसल, धारचूला सीट से विधायक हरीश धामी ने सवाल उठाया कि कांग्रेस में क्या विधायक मंत्रियों और बड़े नेताओं को समर्थन देने के लिए हैं? उन्हें भी नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए. इस दौरान कहा कि पार्टी यदि उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपती है तो वह पार्टी की मजबूती के लिए दिन- रात एक करके काम करेंगे.
कांग्रेस की गुटबाजी को न थाम पाए गोदियाल
कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कार्यकाल समय के लिहाज से जरूर सबसे कम रहा, लेकिन सक्रियता के मामले में गोदियाल ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अध्यक्ष के रूप में 236 दिन के कार्यकाल में गोदियाल ने कई ऐसे प्रयोग भी किए जिनकी बदौलत कांग्रेस को नई पहचान मिली।
पार्टी के भीतर शुरू होने लगी है लॉबिंग
वहीं, माना जा रहा है कि प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष के प्रबल दावेदार हो सकते हैं. ऐसे में दो प्रमुख कुर्सियों में से एक कुमाऊं मंडल के हिस्से में आ सकती है. हालांकि, होली के बाद विधानमंडल दल की मीटिंग होगी. ऐसे में कोशिश है कि इस मुद्दे पर भी उसी दिन बातचीत हो,मगर उससे पहले पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. बता दें कि फिलहाल यह जिम्मेदारी प्रीतम सिंह के पास है, जोकि गढ़वाल से तालुल्क रखते हैं. पिछली बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़कर नेता प्रतिपक्ष का जिम्मेदारी लिए प्रीतम ने पहले तो इनकार कर दिया था, मगर बाद में उन्हें मना लिया गया था. हालांकि, इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष पद और नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पार्टी में गुटबाजी के हालात देखने को मिल सकते हैं.
इस्तीफा मांगने वाले महेश ने भी पद छोड़ा
विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से इस्तीफा मांगने वाले प्रदेश सचिव महेश जोशी ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। गोदियाल के इस्तीफे की सूचना आने के बाद जोशी ने भी इस्तीफा भेज दिया। जोशी ने कहा कि गोदियाल एक अच्छे व्यक्ति, योग्य नेतृत्वकर्ता, प्रखर वक्ता ही। लेकिन उन्हे गलत समय पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी।
हरीश गुट की ओर से यशपाल आर्य का नाम आगे आने की है संभावना
बता दें कि चुनाव के बाद जिस तरह से पार्टी के भीतर गुटबाजी देखने को मिल रही है, उससे साफ हो गया है कि आगामी दिनों में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव आसान नहीं रहने वाला है. हालांकि, प्रीतम सिंह को पार्टी फिर से बना सकती है, मगर,हरीश गुट शायद ही ऐसा होने दे. हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरीश गुट की ओर से यशपाल आर्य का नाम आगे किया जा सकता है. चूंकि यशपाल कुमाऊं से होने के साथ ही जातीय समीकरण पर भी फिट बैठते हैं. साथ ही वह 7बार के विधायक हैं और दो बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.