रूस द्वारा यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने के तीन दिन बाद रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि रूस रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भारी कीमत चुकाएगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस से अमेरिका नहीं लड़ेगा, क्योंकि नाटो और मॉस्को के बीच सीधा टकराव से तीसरा विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाएगी. रूस द्वारा यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने के तीन दिन बाद रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था. अभी तक इस युद्ध की वजह से दोनों ही पक्षों को भारी नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित भी होना पड़ा है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना और सटीक संदेश भेजना जारी रखेंगे. हम अमेरिका की पूरी शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे और नाटो की मदद करेंगे.’ उन्होंने, ‘हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे. नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव होने पर तृतीय विश्व युद्ध छिड़ जाएगा. यह कुछ ऐसा होगा, जिसे हमें रोकने का प्रयास करना चाहिए.’ अमेरिका ने पहले भी यूक्रेन में सीधे तौर पर अपने सैनिकों को भेजने से इनकार कर दिया था. अमेरिका को डर है कि इसकी वजह से टकराव और बढ़ सकता है.
अमेरिका लगा चुका है कई प्रतिबंध
इससे पहले भी अमेरिका और राष्ट्रपति बाइडेन लगातार रूस पर यूक्रेन को लेकर हमलावर थे. अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से बताया गया था कि रूस से तेल, गैस और एनर्जी आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. यानी इस तरह का ट्रेड रूस से नहीं किया जाएगा. अमेरिका ने कई रूसी बिजनेसमैन और बैंकों पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. बाइडेन ने कहा था कि, रूस पर हम प्रतिबंध लगा रहे हैं जिसकी कीमत हमें भी चुकानी पड़ेगी. लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद हम रूस के खिलाफ ऐसे प्रतिबंध लगाते रहेंगे.
बता दें कि अमेरिका की ही तरह दुनिया के कई देशों ने रूस पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. जिसके बाद रूस की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ा है. ट्रेड को लेकर रूसी कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं रूस के खिलाड़ियों और अन्य लोगों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. फिलहाल यूक्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है, बातचीत का दौर भी चल रहा है, लेकिन अब तक किसी भी अंतिम नतीजे पर दोनों देश नहीं पहुंचे हैं