सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनधारियों के लिए ऐसा फॉर्मूला बनाए जाए, जिसमें 50 फीसदी DA होने पर सैलरी में अपने आप ही बढ़ोतरी हो जाए. इस प्रक्रिया को ऑटोमैटिकली पे रिविजन का नाम दिया जा सकता है.

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फिलहाल सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिल रहा है. लेकिन, हो सकता है कि सैलरी बढ़ाने के लिए लाया जाए जाने वाला यह आखिरी वेतन आयोग हो. केंद्र सरकार अब कर्मचारियों की सैलरी के लिए नया फॉर्मूला लागू कर वेतन आयोग की प्रथा बंद करने पर विचार कर रही है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 में इस नए फार्मूले के बारे बताया था, लेकिन उनके देहांत के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, अब एक बार फिर केंद्र सरकार कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए वेतन आयोग की बजाय कुछ नया कर सकती है. इस बात की संभावना है कि आठवां वेतन आयोग सरकार नहीं लाएगी. अब कर्मचारियों की सैलरी में उनकी परफॉर्मेंस के हिसाब से बढ़ोतरी हो सकती है. सरकार अब नए फार्मूले के लाभ-हानि और लागू करने की प्रक्रिया पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग नहीं आएगा.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का है आइडिया
वेतन आयोग की जगह कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर सैलरी में वृद्धि करने का व आइडिया भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का है. जेटली ने जुलाई 2016 में इस ओर इशारा करते हुए कहा था कि हमें अब वेतन आयोग से हटकर भी कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए.
ऐसे हो सकता है वेतन का निर्धारण
सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनधारियों के लिए ऐसा फॉर्मूला बनाए जाए, जिसमें 50 फीसदी DA होने पर सैलरी में अपने आप ही बढ़ोतरी हो जाए. इस प्रक्रिया को ऑटोमैटिकली पे रिविजन का नाम दिया जा सकता है. हालांकि, वेतन आयोग को समाप्त करने और नया फार्मूला लागू करने के बारे में सरकार ने अंतिम निर्णय नहीं लिया है और अभी यह मसला विचार-विमर्श के चरण में ही है.
यह होगा फायदा
भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली चाहते थे कि मध्यम स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों के वेतन में भी अच्छी बढ़ोतरी होनी चाहिए. हांलांकि, इसके लिए फॉर्मूला बनना अभी बाकी है. लेकिन, अगर नए फार्मूला लागू होता है तो लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी कम से कम 21 हजार हो सकती है.