उत्तर प्रदेश की सियासत में आये दिन भूचाल आ रहा है। कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा भेजने का एलान हो रहा है तो, कभी बहुजन समाज पार्टी से बागी हुए नेता दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं।

मायावती के प्रमुख और कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री के करीबी माने जाने वाले बहुजन समाज पार्टी ने जोर पकड़ लिया है। कुछ दिनों पहले बसपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। लेकिन नकुल दुबे ने दावा किया कि वह पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि कांग्रेस नकुल दुबे के जरिए ब्राह्मणों को वोट मिल सकता है। नकुल दुबे बसपा सरकार में 2012 से 2017 तक राज्य के शहरी विकास मंत्री रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेताओं से संपर्क किया। लेकिन बीजेपी ने उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी, जिसके चलते वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
बसपा छोड़ने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे ने किसी पार्टी की सदस्यता नहीं ली. हालांकि वह बीजेपी में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन वहां उन्हें किसी तरह का सहयोग नहीं मिला। इसलिए वह गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने पार्टी में शामिल किया। नकुल दुबे को मायावती के साथ-साथ पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का करीबी माना जाता था और नकुल दुबे को मायावती की सरकार में पार्टी का एक मजबूत नेता माना जाता था। वह बसपा में एक ब्राह्मण चेहरे के रूप में स्थापित हो रहे थे।
प्रियंका गांधी से मिलें
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस में शामिल होने से पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे ने उत्तर प्रदेश की महासचिव और प्रभारी प्रियंका गांधी से मुलाकात की. 2007 से 2012 तक बनी बसपा सरकार में नकुल दुबे शहरी विकास मंत्री थे. इसके साथ ही उन्हें पार्टी में कई अहम पद भी दिए गए. इसके साथ ही भाईचारे की समितियों को मजबूत करने में नकुल दुबे ने अहम भूमिका निभाई।
कांग्रेस का दावा, कई नेता पार्टी में शामिल होने को तैयार
नकुल दुबे को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद कांग्रेस का दावा है कि नकुल दुबे के साथ कई अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं और राज्य में लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होगा. कांग्रेस का यह भी कहना है कि सपा और बसपा के नेता जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे और पार्टी लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी.