योगी ने विधायकों को तबादला,पोस्टिंग,ठेका के प्रति निष्ठावान रहने के बजाय जनकल्याण के लिये प्रयासरत रहने की नसीहत देते कहा कि तबादला पोस्टिंग की राजनीति करने वालों को जनता एक समय के बाद नकार देती है।

उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के लिए दो दिवसीय ई-विधान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज आखिर दिन है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने समापन कार्यक्रम को संबोधित कर जनप्रतिनिधियों को संसदीय परंपरा का मंत्र दिया। सीएम योगी के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कल यानी शुक्रवार को ई-विधान कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। इस कार्यक्रम में विधायकों को ई-विधान की ट्रेनिंग दी जा रही है।
सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को जनार्दन का स्वरूप माना गया है। हमारी जवाबदेही जनता के प्रति है। एक जनप्रतिनिधि का जनता के साथ संवाद जितना अच्छा होगा, वह जनता की अपेक्षाओं पर उतना ही खरा उतरता हुआ दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि नाकारात्मकता किसी भी जनप्रतिनिधि को कभी आगे नहीं बढ़ा सकती। जनता भी ऐसे जनप्रतिनिधि को भी नकारात्मक भाव के साथ देखती है। अगर जनप्रतिनिधि का भाव सकारात्मक है तो जनता भी उसी भाव के साथ जनप्रतिनिधि को देखती है।
सीएम योगी ने आगे कहा कि केंद्र और यूपी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को ईमानदारी के साथ जनता तक पहुंचाने के लिए अत्यन्त संवेदनशील बनना पड़ेगा। एक आदर्श जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी छवि को प्रस्तुत करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि आपकी भाषा साहित्यिक हो, लेकिन महत्वपूर्ण यह कि विकास के प्रति आपकी सकारात्मक दृष्टि और व्यावहारिक ज्ञान होन चाहिए। आप जो कहें, वो व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित होना चाहिए।
योगी ने तकनीक के माध्यम से प्रदेश का विकास सुनिश्चित करने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि आप सब लोग अब स्मार्टफोन डिवाइस का बखूबी इस्तेमाल करते हैं। इसलिये ई विधान प्रणाली को सीखने और समझने में आप को कोई मुश्किल नही होगी।