महाशिवरात्रि आने वाली है और इस मौके पर भगवान को प्रसन्न करने के लिए जरूरी है कि आप उनका पसंदीदा भोग तैयार करें। जानें क्या है उन्हें पसंद।

हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस वर्ष महाशिवरात्रि 01 मार्च (मंगलवार) को है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, सफेद चंदन, सफेद फूल, मौसमी फल, गंगाजल, गाय के दूध से विधिपूर्वक पूजा की जाती है. महाशिवरात्रि का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लोगों के कष्ट और संकट दूर होते हैं, भय से मुक्ति मिलती है, शिव कृपा से आरोग्य प्राप्त होता है, सुख-सौभाग्य बढ़ता है. महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की बारात निकाली जाती है और उन्हें तरह-तरह के भोग लगाएं जाते हैं.
सामग्री
एक लीटर दूध, आधा कप बादाम, 6 चम्मच खसखस, सौंफ आधा कप, 2 चम्मच काली मिर्च, 5 हरी इलाएची, 2 चम्मच काली मिर्च, 4 चम्मच तरबूज के बीज, 4 चम्मच खरबूजे के बीज, 4 चम्मच ककड़ी के बीज, 2 चम्मच गुलाब की पत्तियां, चीनी स्वादानुसार.
ऐसे तैयार करें
सबसे पहले एक बाउल में बादाम, खरबूजे, तरबूजे और ककड़ी के बीज, खसखस, सौंफ, गुलाब की पत्तियां, काली मिर्च और इलाएची को पानी में रातभर के लिए भिगो दें. बादाम को अलग से भिगोएं. सुबह बादाम को छीलकर बाकी सारे सामान को पानी सहित एक साथ पीस लें. एकदम बारीक पेस्ट तैयार करना है. अब दूध को उबालें और ठंडा होने दें. इसके बाद इसमें स्वादानुसार चीनी मिक्स करें. यदि केसर है तो थोड़ा सा केसर भी डाल दें.
अब दो गिलास में पानी लें और एक मलमल का कपड़ा लें. कपड़े में पेस्ट डालें और पानी डालकर उस पेस्ट को छान लें. आप चाहें तो छलनी की मदद से भी छान सकते हैं. इसके बाद इस पानी को दूध में मिक्स कर दें. इसके बाद कुछ समय के लिए इसे फ्रिज में रख दें. चाहें तो थोड़े ड्राई फ्रूट्स को बारीक काटकर इसे गार्निश भी कर सकते हैं. ठंडा होने के बाद इसमें बर्फ डालें. इसके बाद महादेव को भोग लगाएं और सभी को प्रसाद के तौर पर वितरित करें.
सुझाव
आप महाशिवरात्रि के पर्व पर अगर आप इसमें भांग का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, लेकिन भांग की ठंडाई और बिना भांग की ठंडाई को अलग अलग बनाएं. ताकि जो लोग भांग की ठंडाई न पी सकें, वे भी ठंडाई का आनंद ले सकें.
जानें ठंडाई का महत्व और फायदे
कहा जाता है कि समुद्रमंथन के दौरान विषपान करने से महादेव के शरीर में जब जलन हुई थी, तब उन्हें ठंडी चीजों को अर्पित किया गया था, जिससे उन्हें शांति मिली थी. तब से उन्हें ठंडी चीजें अत्यंत पसंद हैं. इसलिए महादेव को ठंडाई का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा महाशिवरात्रि के पर्व के कुछ समय बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है. ठंडाई गर्मी के मौसम में बेहद फायदेमंद पेय होती है. ये शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और पेट में जलन, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देती है. इसके अलावा आपके दिमाग को भी शांत रखती है.