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एक मानव शरीर में होती हैं 30 लाख करोड़ कोशिकाएं और हर कोशिका बनती है प्रोटीन से

प्रोटीन मनुष्‍य के शरीर के लिए उस बुनियादी की तरह है, जैसे पेड़ के लिए उसकी जड़ें. बिना प्रोटीन के न हमारी कोशिकाएं सक्रिय रह सकती हैं, न पुरानी कोशिकाओं का क्षरण होने पर नई कोशिकाओं का निर्माण हो सकता है.

प्रोटीन क्‍या है और मानव शरीर के लिए कितना उपयोगी है, इसे आसान भाषा में इस तरह समझते हैं. क्‍या आपको पता है कि एक वयस्‍क मनुष्‍य के शरीर में कुल कितनी कोशिकाएं होती हैं? 30 खरब कोशिकाएं यानि 30 लाख करोड़ कोशिकाएं. अब इन 30 लाख करोड़ कोशिकाओं में से एक भी कोशिका ऐसी नहीं है, जिसका निर्माण बिना प्रोटीन के मुमकिन हो. हमारा पूरा शरीर दरअसल दो तत्‍वों से मिलकर बनता है, प्रोटीन और फैट. बाकी का वॉटर यानि पानी है.

प्रोटीन मनुष्‍य के शरीर के लिए उस बुनियाद की तरह है, जैसे पेड़ के लिए उसकी जड़ें. बिना प्रोटीन के न हमारी कोशिकाएं सक्रिय रह सकती हैं, न पुरानी कोशिकाओं का क्षरण होने पर नई कोशिकाओं का निर्माण हो सकता है.

शरीर में पाए जाने वाले इस खास किस्‍म के एमिनो एसिड को प्रोटीन नाम देने का श्रेय 1779 में स्‍वीडन में जन्‍मे केमिस्‍ट और वैज्ञानिक बैरॉन जॉन्‍स जैकब बर्जेलियस को जाता है, जिन्‍होंने पहली बार ये शब्‍द कॉइन किया.

प्रोटीन पर मेडिकल साइंस की रिसर्च दो सौ साल पुरानी है. सैकड़ों रसायनविज्ञान और जीव विज्ञान के विशेषज्ञों ने मानव शरीर के संरचना और उसकी कार्यप्रणाली में इस एमिनो एसिड के महत्‍व को समझने की कोशिश की है

प्रोटीन क्‍या है, इससे एकदम सरल भाषा में ऐसे समझ सकते हैं. प्रोटीन एक प्रकार का एमिनो एसिड होता है, जो कोशिकाओं के बिल्डिंग ब्‍लॉक्‍स के रूप में काम करता है. यह एक कार्बनिक यौगिक है, जिसके भीतर ऐमिनो एसिड्स की श्रृंखला होती है. इस चेन को आपस में जोड़ने का काम करते हैं पेप्टाइड लिगामेंट्स.

मेडिसिन से इतर सामान्‍य भाषा में इसे ऐसे समझ सकते हैं. जैसे‍ किसी इमारत की हर ईंट सीमेंट और बालू से मिलकर बनी होती है और दो ईंटों को आपस में जोड़ने के लिए भी सीमेंट और बालू की आवश्‍यकता होती है, कुछ वैसी ही भूमिका प्रोटीन भी हमारे शरीर में निभाता है. शरीर की प्रत्‍येक कोशिका प्रोटीन नामक एमिनो एसिड से बनी होती है, जिसमें एक बड़ा हिस्‍सा फैट का भी होता है. लेकिन इसके साथ-साथ कोशिकाओं और ऊतकों को आपस में जोड़ने में भी प्रोटीन की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है.

हमारे शरीर की 30 लाख करोड़ कोशिकाएं प्रत्‍येक माइक्रो सेकंड में 30 लाख करोड़ से ज्‍यादा क्रियाएं कर रही होती है, जिसे चलाने में प्रोटीन की केंद्रीय भूमिका है. शरीर के भीतर सारे हॉर्मोन्‍स और एंजाइम्‍स को नियंत्रित करने का काम भी प्रोटीन करता है.

कुल मिलाकर प्रोटीन शरीर के मशीन को बनाने से लेकर उसे चलाने तक में केंद्रीय भूमिका निभाता है. प्रोटीन की कमी से बहुत सारे गंभीर रोग और परेशानियां हो सकते हैं.

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Pooja Pandey

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