बजट नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है. केंद्र कर्मचारियों की तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी अब सरकार के 14 फीसदी योगदान पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया है. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है. यह बजट कोरोना महामारी के दौर में पेश हुआ है. इसलिए, इसका महत्व बढ़ जाता है. वित्त मंत्री सीतारमण का भी यह चौथा बजट है. बजट नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है. केंद्र कर्मचारियों की तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी अब सरकार के 14 फीसदी योगदान पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलेगा. अभी तक एनपीएस योगदान में राज्य और केंद्र कर्मचारियों को टैक्स छूट में ये असमानता थी.
केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को सरकार के 14 फीसदी योगदान पर छूट मिलती थी तो वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए ये छूट 10 फीसदी थी . अगर एम्पलॉयर यानी कि सरकार योगदान 14 फीसदी करती भी थी तो छूट केवल 10% तक ही मिलती थी. पर अब इसे बढ़ाकर 14% करने का प्रावधान किया गया है.
एनपीएस में सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ी
एम्पलॉयर के योगदान पर जो टैक्स डिडक्शन मिलता है वो 80C की छूट के अतिरिक्त मिलता है. इकोनॉमिक सर्वे ने बताया कि एनपीएस पेंशन स्कीम में सब्सक्राइबर की तादाद 4.63 करोड़ रही जो कि पिछले साल से 24 फीसदी का इजाफा है. जाहिर है राज्य सरकार के कर्मचारियों को यह बजट राहत भरी खबर लेकर आया है.
आपको बता दें कि मंगलवार को पेश हुए बजट के बाद सबसे ज्यादा जिसकी चर्चा हुई वो था वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर लगने वाला टैक्स. इस कदम के साथ सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपने रुख को साफ कर दिया है. क्रिप्टो पर सरकार ने ऊंचे टैक्सेशन के साथ रिजर्व बैंक के द्वारा खुद की डिजिटल करंसी लागू करने का ऐलान किया है. देश में फिलहाल डिजिटल करंसी को लेकर अभी भी नियमों को लागू होना है ऐसे में बजट ऐलान के साथ डिजिटल एसेट्स और उन पर लगने वाले टैक्स को लेकर तमाम सवाल भी खड़े हो गये. बजट भाषण के बाद वित्त मंत्री ने खुद इन सवालों के जवाब देकर उलझनों को दूर किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश करते हुए कहा कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाया जायेगा. इसके साथ ही जो डिजिटल एसेट्स गिफ्ट में दिये जायेंगे उसे पाने वाले को 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके साथ ही सभी डिजिटल एसेट्स के लेन देन पर एक प्रतिशत का टीडीएस भी लगाया जायेगा.