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प्रशांत महासागर में क्रैश होगा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, आखिर आईएसएस के साथ ऐसा क्यों करेगी नासा?

साल 2000 में लॉन्च किया गया इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इस दशक के आखिर तक रिटायर हो जाएगा. इसकी जगह प्राइवेट सेक्टर के स्पेस स्टेशन लेने वाले हैं.

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 2030 तक ऑपरेट करने वाली है. इसके बाद ISS को प्रशांत महासागर के एक सुदूर हिस्से में क्रैश करवा दिया जाएगा, जिसे प्वाइंट निमो के नाम से जाना जाता है. आईएसएसको साल 2000 में लॉन्च किया गया था. अभी तक इस पर 200 से ज्यादा एस्ट्रोनोट्स गए हैं. आईएसएस अंतरिक्ष में इंसान की लगातार मौजूदगी को दिखाता है.नासा ने कहा है कि कमर्शियल स्पेस प्लेटफॉर्म आईएसएस की जगह लेंगे, जिन पर एक-दूसरे के सहयोग के साथ साइंटिफिक रिसर्च किए जाएंगे. नासा मुख्यालय में कमर्शियल स्पेस के डायरेक्टर फिल मैकलिस्टर ने एक बयान में कहा, प्राइवेट सेक्टर नासा की मदद से तकनीकी रूप से और आर्थिक रूप से कमर्शियल लो-अर्थ ऑर्बिट स्पेस स्टेशन बनाने में सक्षम है. हम स्पेस क्षेत्र में हासिल किए गए अपने अनुभव को साझा करने के लिए तैयार हैं.इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ट्रांजिशन रिपोर्ट में नासा ने कहा है कि हमारा प्लान आईएसएस को पृथ्वी के दक्षिण प्रशांत महासागर के खाली पड़े इलाके में गिराने पर है. इसे प्वाइंट निमो के तौर भी जाना जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसएस को पृथ्वी पर जनवरी 2031 में क्रैश करवाया जाएगा. प्वाइंट निमो महासागर में ऐसी जगह है, जो समुद्र के मीलों दूर है. इसे कई स्पेसक्राफ्ट के लिए कब्रिस्तान के तौर पर देखा जाता है.प्वाइंट निमो न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से 3000 मील और अंटार्कटिका के उत्तरी तट से 2000 मील दूर मौजूद है. इस बात का अनुमान है कि अमेरिका, रूस, जापान और यूरोपीय देशों ने यहां पर स्पेस से जुड़ी 263 चीजों, जिनमें सैटेलाइट, व्हीकल, मिसाइल शामिल हैं, को 1971 से डुबाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसएस थर्स्टिंग प्रयासों के जरिए पृथ्वी के वायुमंडल में सुरक्षित तरीके से प्रवेश करेगा.आईएसएस फिलहाल आठ सालों तक आराम नहीं करने वाला है. रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने कहा कि स्पेस एजेंसी का इरादा अगले दशक के लिए आईएसएस को मंगल ग्रह पर जाने के लिए एक ट्रांजिट मिशन के तौर पर इस्तेमाल करने का है. आईएसएस के डायरेक्टर रोबिन गैटेंस ने कहा, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन माइक्रोग्रैविटी में एक अभूतपूर्व साइंटिफिक प्लेटफॉर्म के तौर पर अपने तीसरे और सबसे उत्पादक दशक में प्रवेश कर रहा है.स्पेस स्टेशन पर कई साइंटिफिक चीजें पहली बार अंजाम दी गई हैं. आईएसएस पर 3डी प्रिंटेड होने वाली पहली वस्तु 2014 में देखने को मिली. नासा के एस्ट्रोनोट केट रुबिन्स ने 2016 में पहली बार अंतरिक्ष में डीएनए का सीक्वेंस किया. पदार्थ की पांचवीं अवस्था का 2018 में स्पेस स्टेशन पर नासा की कोल्ड एटम लैब द्वारा स्पेस में तैयार किया गया. इस अवस्था को बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट कहा जाता है. (सभी तस्वीरें नासा से ली गई हैं)

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Pooja Pandey

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