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मोतियाबिंद की सर्जरी से गिरती याद्दाश्‍त को 30 फीसदी तक रोका जा सकता है !

 मोतियाबिंद की सर्जरी और इंसान की याद्दाश्‍त के बीच क्‍या कनेक्‍शन है, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया है. वैज्ञानिकों का कहना है, मोतियाबिंद की सर्जरी से डिमेंशिया का खतरा 30 फीसदी तक कम हो सकता है. जानिए मोतियाबिंद से दिमाग का क्‍या कनेक्‍शन है?

मोतियाबिंद की सर्जरी और इंसान की याद्दाश्‍त के बीच क्‍या कनेक्‍शन है, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया है.  वैज्ञानिकों का कहना है, मोतियाबिंद की सर्जरी होने से डिमेंशिया का खतरा 30 फीसदी तक कम हो सकता है. रिसर्च में यह साबित भी हुआ है. डिमेंशिया बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारी है. इसका असर दिखने पर याद्दाश्‍त घटना, निर्णय न ले पाना, सोचने-समझने की क्षमता घटना और बात करने में सहज न महसूस कर पाना जैसे लक्षण दिखते हैं. यह दावा वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हाल‍िया रिसर्च में किया है. 

65 साल के 3 हजार बुजुर्गों पर हुई रिसर्च

मोतियाबिंद और डिमेंशिया का कनेक्‍शन समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 3 हजार लोगों पर रिसर्च की. इनमें करीब 65 साल की उम्र वाले लोगों को शामिल किया गया. मोतियाबिंद के ऑपरेशन का याद्दाश्‍त पर क्‍या असर पड़ता है, वैज्ञानिकों ने इसका जवाब जामा इंटरनरल मेडिसिन में पब्लिश रिसर्च में दिया है.

शोधकर्ताओं का कहना है, रिसर्च में शामिल करीब 50 फीसदी लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई. सर्जरी के 8 साल बाद तक इन पर नजर रखी गई. रिसर्च में सामने आया कि आंखों से मोतियाबिंद हटने के बाद मरीजों में डिमेंशिया होने का खतरा 29 फीसदी तक घट गया.

शोधकर्ताओं का कहना है, आंखों से मोतियाबिंद वाला हिस्‍सा हटाने पर मरीज तक ब्‍लू लाइट ज्‍यादा पहुंचने लगती है. ब्‍लू लाइट रेटिना की कोशिकाओं को दोबारा एक्टिवेट करती है जिसका कनेक्‍शन इंसान की सोचने-समझने की क्षमता से होता है. इसके अलावा ऐसा होने पर नींद अच्‍छी आती है. नतीजा, इंसान का दिमाग बेहतर काम करता है. 

क्‍यों होता है मोतियाबिंद?

यह बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों की बीमारी है. 50 साल की उम्र के बाद शरीर में एंटीऑक्‍सीडेंट़्स की कमी होने लगती है और आंखों में कैल्शियम जमा होने लगता है. इसका सीधा असर आंखों के प्राकृतिक लेंस पर पड़ता है. यह लेंस डैमेज होने लगता है. आंखों की पुतली पर सफेद स्‍पॉट दिखाई देने लगते हैं. नतीजा, मरीज को सबकुछ धुंधला नजर आता है. इस उम्र में स्‍मोकिंग और अल्‍कोहल लेने वालों में स्‍थ‍िति और बिगड़ती है. ज्‍यादातर मामलों में मरीज की सर्जरी की जाती है.

आश्‍चर्यचकित करने वाले हैं रिसर्च के नतीजे

शोधकर्ता डॉ. सीसीलिया ली के मुताबिक, रिसर्च के दौरान जो प्रमाण मिले हैं वो आश्‍चर्यचकित करने वाले हैं क्‍योंकि इससे पहले शरीर के दोनों हिस्‍सों का ऐसा कनेक्‍शन नहीं समझा गया है. रिसर्च के नतीजे इसलिए भी अहम हैं क्‍योंकि दुनिया के ज्‍यादातर देशों में मोतियाबिंद के रोगी बढ़ रहे हैं. सिर्फ इंग्‍लैंड में हर साल 3 लाख से अध‍िक मोतियाबिंद की सर्जरी की जाती हैं. वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा 20 लाख है. 

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Pooja Pandey

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