अपर्णा यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं और उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ की कैंट सीट से लड़ा था. लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के बाद पार्टी नेता अपर्णा यादव ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह ये आज आशीर्वाद लिया. अपर्णा यादव ने दो दिन पहले ही दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ली थी. इसे समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. माना जा रहा है कि बीजेपी अपर्णा यादव को लखनऊ की कैंट सीट से टिकट दे सकती है. क्योंकि अपर्णा ने 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ा था. उस वक्त बीजेपी प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें हराया था.
असल में राज्य में चुनाव की तारीख जारी होने के बाद से ही इस बात की चर्चा थी अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हो सकती हैं. वहीं तीन दिन पहले ही एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी परिवार में सब ठीक चल रहा है. लेकिन दो दिन पहले ही अपर्णा यादव ने बीजेपी में शामिल होकर अखिलेश यादव को बड़ा सियासी झटका दिया. वहीं बीजेपी अपर्णा के जरिए मुलायम सिंह परिवार में बड़ी सेंध लगाने में कामयाब रही. दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की.
पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित
वहीं दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने कहा कि मैं हमेशा पीएम मोदी से प्रभावित रही हूं और राष्ट्र मेरे लिए सबसे पहले है. मैं राष्ट्र की सेवा करने के लिए आई हूं और हर किसी का सहयोग चाहती हूं. बीजेपी में शामिल होने के दौरान अपर्णा ने पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान, महिलाओं योजनाओं और रोजगार के लिए चलाए जा रहे अभियानों पर तारीफ की.
सीएम योगी को बताया था बड़ा भाई
वहीं बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने सीएम योगी को अपना बड़ा भाई बताया था. असल में सीएम योगी और अपर्णा मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले हैं. अपर्णा के पिता का नाम अरविंद सिंह बिष्ट है और वह उत्तर प्रदेश के जाने माने पत्रकार रहे और समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान राज्य के सूचना आयुक्त भी रहे हैं.
कौन हैं अपर्णा यादव
अपर्णा यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं और उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ की कैंट सीट से लड़ा था. लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अपर्णा को कैंट सीट से करीब 63 हजार वोट मिले थे.