रूस के नए एस-550 एयर डिफेंस सिस्टम को अब तक का सबसे घातक हथियार माना जा रहा है, जो अंतरिक्ष में भी तबाही मचा सकता है.

यूक्रेन के साथ सीमा पर तनाव के बीच रूस ने अपने नए एस-550 एयर डिफेंस सिस्टम को सेवा में शामिल कर लिया है. रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बताया कि एस-550 ने फील्ड परीक्षण पूरा कर लिया है और पहली ब्रिगेड ने कॉम्बैट ड्यूटी की शुरुआत कर दी है. समाचार एजेंसी ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि नया एयर डिफेंस सिस्टम ‘अंतरिक्ष यान, बैलिस्टिक मिसाइल री-एंट्री व्हीकल’ और हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार सकता है.
TASS ने बताया कि नया एस-550 अब कम दूरी वाले एस-350, एस-400 और एस-500 सिस्टम की तरह ही रूस की व्यापक मिसाइल और वायु रक्षा प्रणाली का हिस्सा होगा. एजेंसी ने कहा कि आधिकारिक सूत्रों ने अभी भी एस-550 सिस्टम की तैनाती की पुष्टि नहीं की है. एस-550 मिसाइल हजारों किलोमीटर की ऊंचाई पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकती है और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों पर निशाना साध सकती है.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में देश के रक्षा प्रतिष्ठान को रूसी सेना को एस-350, एस-500 और एस-550 सिस्टम देने के लिए कहा था. यूक्रेन के मसले पर पश्चिमी देशों के साथ तनाव के बीच मिसाइल को युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया गया है. यूक्रेन की सीमा पर रूस के 100,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं. यूक्रेन ने इस बात की आशंका जताई है कि रूस उसपर आक्रमण कर हमला करने की तैयारी कर रहा है.
रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने कहा है, एस-550 एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक अपना परीक्षण पूरा कर लिया है. इस मिसाइल में इस्तेमाल तकनीक को अमेरिका और चीन के मुकाबले काफी बेहतर बताया गया है. रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने पिछले महीने कहा था कि एंटी-सैटेलाइट एस-550 उन नए हथियार सिस्टम में से एक है, जिनपर पुतिन ने तेजी से काम करने को कहा था.
एक अन्य न्यूज एजेंसी का कहना है कि एस-550 ‘दुनिया का पहला मोबाइल स्पेशल ऑपरेशन मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनने के लिए तैयार है, जो इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम है.’ इसे एस-350 वाइटाज़, एस-400 ट्रायम्फऔर एस-500 प्रोमेथियस से जुड़े एयर डिफेंस सिस्टम के आधुनिकीकरण के रूप में देखा जा रहा है. जो कथित तौर पर अंतरिक्ष के पास भी हाइपरसोनिक मिसाइलों को नष्ट कर सकता है. मिसाइलें ‘संभावित हमलों से बचाव के लिए रूस के आसमान को पूरी तरह कवर कर सकती हैं.’
एक सूत्र ने कहा कि एस-550 की क्षमता एस-400 और एस-500 के साथ ही यूएस थाड और एईजीआईएस एयर डिफेंस की तुलना में हथियारों को रोकने और अंतरिक्ष हथियारों पर हमला करने में अधिक होगी. हाल की रूसी रिपोर्टों से पता चलता है कि एस-550 एक ‘सैटेलाइट किलर’ जैसा ही हथियार है, जिसे अब तक नुडोल के नाम से जाना जाता था. यह प्रोजेक्ट काफी गोपनीय रहा है.
क्रेमलिन के समर्थन वाले इजवेस्टिया अखबार ने कहा कि यह ‘अब तक के सबसे गुप्त घरेलू स्तर पर बने हथियार प्रोग्राम में से एक’ है. एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इसके निर्माण का काम 10 साल से भी अधिक समय से चल रहा था. यह उन टार्गेट को भेद सकता है, जो रूस के लिए अब तक मुश्किल साबित हुए हैं. साथ ही इससे बैलिस्टिक मिसाइल को भी तबाह किया जा सकता है. लंबे समय से इस कॉन्बैट सिस्टम को नुडोल कहकर पुकारा जाता था.
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ठीक वही प्रणाली है, जिसने 15 नवंबर को अपने पहले युद्ध परीक्षणों के दौरान अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था. विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए हथियार पर काम पहले ही पूरा हो चुका है और यह एस-550 एयर डिफेंस सिस्टम के रूप में जाना जाएगा. रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने नवंबर के परीक्षण से पहले व्यक्तिगत रूप से एस-550 नाम की घोषणा कर दी थी.
नवंबर को हुए इस परीक्षण में रूस ने सोवियत संघ के समय की सैटेलाइट ‘सेलिना-डी’ को तबाह कर दिया था. घटना के चलते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्षयात्री काफी डर गए थे.
सैन्य विशेषज्ञ दिमित्री बोल्टनकोव ने पिछले महीने कहा था कि, ‘सबसे अधिक संभावना है कि नुडोल अनुसंधान और विकास परियोजना के तहत विकसित की जा रही प्रणाली का नाम ही एस-550 रखा गया है.’ हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एस-550 और नुडोल आपस में जुड़े हुए हैं या नहीं.
ऐसा माना जाता है कि नुडोल एक साइलो लांचर का इस्तेमाल करता है, जबकि एस-550 को मोबाइल कहा जाता है. एस-550 ए-135 कामा-ए-235 नुडोल का मोबाइल फॉलो-अप है. रूस ने नवंबर में अपने नए ए-235 एंटी-सैटेलाइट इंटरसेप्टर का परीक्षण करके भी पश्चिमी देशों को चिंतित जरूर कर दिया है. ये हथियार परमाणु हथियारों के साथ पृथ्वी की कक्षा से बाहर की चीजों में विस्फोट कर सकता है.