ओपिनियन

क्या मथुरा से चुनाव लड़ सकते हैं सीएम योगी आदित्यनाथ ?

कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन खत्म जरूर हो गया है लेकिन किसानों का गुस्सा मोदी, योगी और बीजेपी के प्रति कम नहीं हुआ है. लिहाजा मथुरा से कृष्ण जन्मभूमि विवाद को उछालकर बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत बाजी पलटना चाहती है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया, इस बात को लेकर कयासबाजी का बाजार अचानक गर्मा गया कि आखिर किस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं योगी- अयोध्या, काशी या फिर मथुरा? हालांकि योगी ने साफतौर पर कहा है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगे इस बात का फैसला भाजपा नेतृत्व करेगा, लेकिन व्यवहार में सीएम योगी की सीट को लेकर ऐसा कभी नहीं हुआ है कि इस बारे में फैसला भाजपा नेतृत्व करे. कहते हैं कि अटल-आडवाणी के युग में भी जब चुनाव नजदीक आता था तो योगी भाजपा आलाकमान को प्रत्याशियों की एक सूची सौंपते थे और उसी पर पार्टी नेतृत्व मुहर भी लगाता था तो सीएम योगी का ये कहना सिर्फ एक प्रोटोकॉल ही कहा जाना चाहिए कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इसका फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. इस बीच तमाम इंडिकेटर इस बात की ओर ताकीद करते हैं कि मथुरा उनकी पहली पसंदीदा सीट होगी. बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी तक लिख दी है जिसमें सीएम योगी को मथुरा से चुनाव लड़ाने की मांग की गई है.

योगी और बीजेपी के लिए क्यों अहम है मथुरा?

मथुरा की जनता और संत समाज का इस बात पर जोर है कि योगी आदित्यनाथ मथुरा से ही चुनाव लड़ें. लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि ध्रुवीकरण की राजनीति के लिहाज से अयोध्या और काशी का महत्व अब उतना नहीं रह गया है जितना मथुरा का है. इसीलिए अयोध्या को केंद्र में रखकर बीजेपी हमेशा से इस नारे को उछालती रही है जिसमें कहा जाता है- ”ये तो अभी झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है.” तो इस लिहाज से जहां एक ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश की काशी में पीएम मोदी मोर्चा संभाले हुए हैं तो मथुरा की जिम्मेदारी सीएम योगी को सौंपकर पार्टी पश्चिम यूपी के नुकसान को कम करना चाहती है. याद हो तो पिछले महीने की ही बात है जब प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने ‘मथुरा की बारी है’ ट्वीट के जरिये यूपी चुनाव से पहले सियासी हवा को बदलने में तड़का लगाया था.

उसके बाद 29 दिसंबर को अमरोहा में सीएम योगी ने खुद भी कहा था- ”हमने कहा था अयोध्या में प्रभु राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ कराएंगे, मोदी जी ने यह कार्य प्रारंभ करा दिया है. काशी में भगवान विश्वनाथ का धाम भी भव्य रूप से बनाया जा रहा है. तो उसके बाद मथुरा वृंदावन कैसे छूट जाएगा?” इन तमाम बयानों से साफ है कि योगी और बीजेपी के चुनावी समर के लिए मथुरा एक अहम पड़ाव है जहां से पश्चिम यूपी का खेल पलटने में बीजेपी को सहूलियत होगी. क्योंकि किसान आंदोलन खत्म जरूर हो गया है लेकिन किसानों का गुस्सा मोदी, योगी और बीजेपी के प्रति कम नहीं हुआ है. लिहाजा मथुरा से कृष्ण जन्मभूमि विवाद को उछालकर बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत बाजी पलटना चाहती है.

ब्रजभूमि से सीएम योगी का बेहद लगाव

कहा जाता है कि ब्रजभूमि से योगी आदित्यनाथ का काफी लगाव है और फिर कृष्ण जन्मभूमि का मामला पहले से ही भाजपा के एजेंडे में भी रहा है. लिहाजा माना जा रहा है कि सीएम योगी इस बार मथुरा से ही चुनाव लड़ेंगे. योगी गोरखपुर अयोध्या और काशी की तरह मथुरा का भी लगातार दौरा कर रहे हैं और बीजेपी के स्थानीय नेता उनसे मथुरा से चुनाव लड़ने की मांग भी कर रहे हैं. जन विश्वास यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए भी सीएम योगी ने मथुरा को ही चुना. कहा यह भी जाता है कि योगी जब भी मथुरा आते हैं, संतों के साथ काफी वक्त बिताते हैं. जन्माष्टमी हो, ब्रज की होली हो या ब्रजराज महोत्सव सभी कार्यक्रमों में सीएम योगी मथुरा आकर बढ़चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. बकौल सीएम योगी 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक 18 बार वो मथुरा का दौरा कर चुके हैं. वह 2017 में 5 बार, 2018 में 4 बार, 2019 में 3 बार, 2020 में एक बार और साल 2021 में 6 बार मथुरा पहुंचे हैं. सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम योगी के लिए मथुरा कितना और किस रूप में अहम है.

मथुरा से पश्चिम में नुकसान की होगी भरपाई

2017 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 136 विधानसभा सीटों में से 109 सीटों पर बीजेपी जीती थी, जबकि 27 सीटों पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा था. इन कमजोर सीटों पर कमल खिलाने के लिए सीएम योगी खुद मोर्चा संभाले हुए हैं. बीजेपी को पता है कि पश्चिमी यूपी को साधे बिना यूपी की सत्ता की चाबी मिलना मुश्किल है. 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव और फिर 2019 का लोकसभा चुनाव, इन सभी चुनावों में बीजेपी को ध्रुवीकरण का बहुत फायदा मिला था. इस बार माना जा रहा है कि किसानों की वजह से कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. लिहाजा योगी उन 27 सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं जहां से पिछली दफा बीजेपी हार गई थी. 16 जिलों की इन 27 विधानसभा सीटों पर खुद सीएम योगी नजर रख रहे है. ऐसे में अगर मथुरा से सीएम योगी खुद चुनाव मैदान में उतरते हैं तो इस बात की संभावना बढ़ जाएगी कि किसान आंदोलन के होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाए.

संतों की टोली भी जुट गई है लॉबिंग में

सीएम योगी ने जैसे ही विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया संतों की टोली में भी खुशी की लहर दौड़ गई है. संतों के एक बड़े वर्ग का कहना है कि अयोध्या और काशी का विकास सीएम योगी के नेतृत्व में तेजी से हो रहा है. अब मथुरा का विकास भी उन्हीं के नेतृत्व में होना चाहिए. लिहाजा सीएम योगी को मथुरा से चुनाव लड़ना चाहिए. संतों का साफ कहना है कि अगर सीएम योगी मथुरा से चुनाव लड़ते हैं तो कृष्ण जन्मभूमि पर भगवान कृष्ण के भव्य मंदिर बनाए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा. संतों की नजर में सीएम योगी ने हर वर्ग और व्यक्ति के साथ ही सनातन धर्म-संकृति का विकास किया है, यह कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता. इस आधार पर संतों की एक बड़ी टोली इस बात के लिए लॉबिंग में जुट गई है कि सीएम योगी को मथुरा से ही चुनाव लड़ाया जाए. ऐसे भी बीजेपी और आरएसएस सीएम योगी को हिन्दुत्व के पोस्टर बॉय के तौर पर हमेशा से स्टार प्रचारक के तौर पर देशभर के चुनावों में प्रचार के लिए उतारती है तो ये तो यूपी का चुनाव है जहां योगी आदित्यनाथ ही मुख्य चेहरे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.

अंत में, गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम’ यानी कर्म में अपनी संलग्नता के कारण जीव परमात्म तत्व से विमुख न हों, इस कुशलता से कर्म करने वाला व्यक्ति ही योगी होता. यानी जो मन को वश में कर के भौतिक इच्छाओं का त्याग कर देता है और विरागी हो जाता है वह योगी कहलाता है. कहने का मतलब यह कि योगी शब्द की अवधारणा को सार्थक करने वाला शख्स कर्मजीवी होता है, वह कभी हारता नहीं है और ऐसा व्यक्ति अगर राजनीति में भी दखल रखता हो तो फिर क्या कहने. बीजेपी, आरएसएस, संत समाज और तमाम दक्षिणपंथी संगठन योगी आदित्यनाथ को ‘योगः कर्मसु कौशलम’ के तौर पर ही आंक रहे हैं और संकेत भी दे रहे हैं कि जब योगी कभी हारता नहीं है तो फिर मथुरा से जीतने का सुख क्यों छोड़ा जाए. योगी भी इस सुख को नहीं छोड़ना चाहेंगे.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.