मेहुल चोकसी ₹13,850 करोड़ के हाई-प्रोफाइल घोटाले का मुख्य आरोपी है, और वह केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों की जांच के दायरे में रहा है।

नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025
भारत के सबसे चर्चित बैंकिंग घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत सरकार की ओर से किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध पर यह गिरफ्तारी हुई है। इस घोटाले की राशि करीब ₹13,850 करोड़ है, और मेहुल चोकसी लंबे समय से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित है।
इस गिरफ्तारी को भारत सरकार की कूटनीतिक सफलता और कानूनी कार्रवाई की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। चोकसी की गिरफ्तारी ने न केवल PNB घोटाले के पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि कानून से कोई नहीं बच सकता।
घोटाले की पृष्ठभूमि: क्या था PNB स्कैम?
वर्ष 2018 में देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक में एक बड़ा घोटाला सामने आया, जिसमें नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी करने का आरोप लगा।
इन LoU के जरिए बिना ज़मानत और नियमों की अनदेखी करते हुए विदेशी बैंकों से क्रेडिट हासिल किया गया। जब यह घोटाला सामने आया, तब तक नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़ चुके थे।
कौन है मेहुल चोकसी?
मेहुल चोकसी देश के जाने-माने हीरा व्यापारी और गीतांजलि जेम्स के मालिक हैं। उनका नाम नीरव मोदी के साथ इस घोटाले में मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है। दोनों पर फर्जी दस्तावेजों और सरकारी बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये विदेश भेजने का आरोप है।
2018 में घोटाले के उजागर होने से कुछ ही दिन पहले मेहुल चोकसी भारत छोड़कर एंटीगुआ भाग गया, जहाँ उसने वहां की नागरिकता ले ली।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
सूत्रों के अनुसार, भारतीय एजेंसियों द्वारा किए गए इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर मेहुल चोकसी की बेल्जियम में लोकेशन ट्रेस की गई। भारत सरकार ने बेल्जियम से औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा, जिस पर वहां की एजेंसियों ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया।
वर्तमान में मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत में पेश किया गया, जहाँ उसे कुछ समय के लिए हिरासत में भेज दिया गया है। भारत सरकार अब उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
ED और CBI की कार्रवाई
मेहुल चोकसी के खिलाफ CBI और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अनेक मामलों में जांच की जा रही है:
ED ने चोकसी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और उसकी कई संपत्तियों को ज़ब्त किया गया है।
CBI ने उस पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
अब तक ₹2,500 करोड़ से अधिक की संपत्तियाँ जब्त की जा चुकी हैं, जिसमें उसकी कंपनियों, बंगलों, फॉर्म हाउस और बैंक खातों को शामिल किया गया है।
भारत के लिए कूटनीतिक जीत
मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त है, और इस वजह से भारत सरकार को पहले उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। एंटीगुआ सरकार ने बार-बार यह कहा कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया उनके नियमों के मुताबिक ही होगी।
हालांकि, चोकसी पिछले कुछ समय से एंटीगुआ में नजर नहीं आ रहा था और उसके बेल्जियम भागने की सूचना भारतीय एजेंसियों को मिली थी। ऐसे में भारत की तरफ से तुरंत एक रेड कॉर्नर नोटिस और राजनयिक स्तर पर संवाद शुरू किया गया, जिसका परिणाम अब सामने आया है।
चोकसी की रणनीति: नागरिकता की आड़ में बचने की कोशिश
एंटीगुआ की नागरिकता लेकर मेहुल चोकसी ने भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया से बचने की पूरी कोशिश की। उसने बार-बार स्वास्थ्य कारणों और कानूनी अड़चनों का हवाला देकर अदालतों से राहत पाने की कोशिश की। उसने दावा किया कि उसका अपहरण कर भारत लाने की साजिश रची जा रही है।
लेकिन बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वह लगातार अपनी लोकेशन छिपाता रहा और प्रत्यर्पण से बचने के प्रयास करता रहा।
क्या जल्द भारत लाया जाएगा मेहुल चोकसी?
भारत सरकार ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी और राजनयिक स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त टीम बेल्जियम की सरकार के संपर्क में है। उम्मीद की जा रही है कि:
जल्द ही चोकसी को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
अदालत में उसे भारत में लंबित मामलों की जानकारी दी जाएगी।
भारत की तरफ से पेश सबूतों और आरोपपत्रों को आधार बनाकर प्रत्यर्पण को वैध ठहराया जाएगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सियासी बयानबाज़ी
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। जहां सरकार इसे अपनी बड़ी जीत बता रही है, वहीं विपक्ष सरकार पर सवाल भी उठा रहा है कि इतने वर्षों तक वह कैसे बचता रहा।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की कूटनीति ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। कोई भी अपराधी अब कानून से नहीं बच सकता।”
कांग्रेस नेता ने बयान दिया:
“सरकार को यह जवाब देना होगा कि मेहुल चोकसी को भारत से भागने की अनुमति कैसे मिली? आज उसकी गिरफ्तारी हुई है, लेकिन उसने वर्षों तक कानून से बचने की छूट क्यों पाई?”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस खबर के बाद लोगों ने राहत और खुशी जाहिर की है। ट्विटर पर #MehulChoksiArrested और #BringChoksiBack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस बात की मांग कर रहे हैं कि मेहुल चोकसी को जल्द भारत लाकर सख्त से सख्त सज़ा दी जाए।
निष्कर्ष
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण मोड़ है भारत की आर्थिक अपराधों से लड़ाई में। यह सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि भारत की न्याय प्रणाली और कूटनीतिक ताकत का प्रतीक है। अब देश को यह उम्मीद है कि चोकसी को जल्द भारत लाया जाएगा और उस पर न्याय के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला उन तमाम भगोड़े आर्थिक अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी है कि कानून भले देर से पहुंचे, लेकिन वह अचूक होता है।