प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी संसदीय सीट वाराणसी के विकास के लिए 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने देश में पहली बार 70 वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान ‘वय वंदना’ कार्ड भी सौंपे।

वाराणसी, 11 अप्रैल 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने वाराणसी की जनता को बधाई देते हुए कहा कि ये परियोजनाएं सिर्फ बुनियादी ढांचे का विस्तार नहीं, बल्कि ‘नए भारत’ के आत्मनिर्भर और समृद्ध स्वरूप की नींव हैं।
यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिहाज़ से भी एक ऐतिहासिक अवसर बन गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में वाराणसी को “विकास और विरासत का संगम” बताते हुए भविष्य के लिए कई घोषणाएं भी कीं।
विकास की सौगात: कौन-कौन सी परियोजनाएं?
प्रधानमंत्री मोदी ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास, सड़क संपर्क, जलापूर्ति, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य वाराणसी को एक आधुनिक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है।
- प्रमुख परियोजनाएं:
वाराणसी रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना: स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा। - रिंग रोड चरण-2 का उद्घाटन: इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
- गंगा किनारे घाटों का सौंदर्यीकरण: धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।
- प्राकृतिक जलाशयों का संरक्षण और पुनर्जीवन योजना।
- कई आधुनिक स्कूल भवनों और हॉस्पिटल्स का लोकार्पण।
- प्रधानमंत्री ने कहा, “ये प्रोजेक्ट्स वाराणसी को न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल शहर बनाएंगे।”
आयुष्मान वय वंदना कार्ड का वितरण: 70 वर्षों में पहली बार
इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश में पहली बार वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ भी वितरित किए। यह कार्ड 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता के 70 साल बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि हमारे वरिष्ठ नागरिकों को उनके स्वास्थ्य और सम्मान के लिए एक समर्पित योजना मिल रही है।”
यह योजना आयुष्मान भारत योजना के तहत एक नई पहल है जो वृद्धजनों के लिए विशेष हॉस्पिटल नेटवर्क, हेल्थ चेकअप और दवाओं की सब्सिडी सुनिश्चित करेगी।
वाराणसी: एक नई पहचान की ओर
मोदी के नेतृत्व में वाराणसी का रूपांतरण देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक समय गंदगी और अव्यवस्था के लिए बदनाम रहे घाटों को आज स्वच्छता और सुंदरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर रोपवे प्रोजेक्ट तक, वाराणसी में बुनियादी ढांचे और धार्मिक पर्यटन का अनूठा मेल देखा गया है।
पीएम ने कहा, “काशी की आत्मा को छुए बिना विकास अधूरा है। यहाँ की परंपरा, कला, संस्कृति को संजोकर आगे बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य है।”
स्थानीय प्रतिक्रिया और लाभ
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने प्रधानमंत्री की इस पहल का स्वागत किया। बनारस के रहने वाले व्यापारी पवन तिवारी ने कहा, “पहले शहर में भीड़ और जाम सबसे बड़ी समस्या थी। अब रिंग रोड और फ्लाईओवर से राहत मिल रही है। पर्यटन भी बढ़ा है, जिससे रोज़गार के अवसर मिले हैं।”
विद्यार्थी वर्ग ने भी नई शैक्षणिक परियोजनाओं की सराहना की। बीएचयू की छात्रा नेहा शर्मा ने कहा, “हमारे लिए हाईटेक लाइब्रेरी और नई प्रयोगशालाएं भविष्य निर्माण में सहायक होंगी।”
राजनीतिक संदर्भ और आगामी चुनाव
पीएम मोदी का यह दौरा आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वाराणसी से तीन बार सांसद रह चुके मोदी को इस क्षेत्र में भारी जनसमर्थन प्राप्त है, और इस दौरे से वे इसे और मजबूत करना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विकास कार्य भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ की सफलता का उदाहरण है। वहीं विपक्ष का कहना है कि यह सब चुनाव से पहले का दिखावा है। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि वाराणसी में स्पष्ट रूप से बदलाव देखा जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय महत्व
वाराणसी की छवि केवल एक धार्मिक नगरी की नहीं रही है। जापान, कोरिया और थाईलैंड जैसे देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों के चलते यह शहर अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर भी एक विशेष स्थान रखता है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “वाराणसी अब ग्लोबल हेरिटेज हब बन रहा है। आने वाले वर्षों में यह शहर वैश्विक निवेश का केंद्र भी बन सकता है।”
भविष्य की योजनाएं
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में वाराणसी में मेट्रो सेवा, इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल, सोलर घाट, और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तकनीक और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि युवाओं के लिए स्टार्टअप्स और स्किल डेवलपमेंट के नए अवसर पैदा किए जाएंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी दौरा केवल एक राजनैतिक यात्रा नहीं था, बल्कि एक ‘विकास तीर्थ’ की स्थापना की दिशा में ठोस कदम था। 3,880 करोड़ रुपये की परियोजनाएं वाराणसी को एक समृद्ध, स्वच्छ और स्मार्ट शहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी साबित कर दिया कि देश के हर नागरिक—चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग—की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा सकती हैं और उन्हें ज़मीनी स्तर पर उतारा जा सकता है।
वाराणसी अब न केवल ‘मोक्ष नगरी’ है, बल्कि ‘विकास नगरी’ भी बन रही है।