अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह चीन पर शुल्क बढ़ाकर 125% कर देंगे, जबकि जो देश पलटवार नहीं कर रहे हैं, उन पर लगाए गए जवाबी टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में वैश्विक व्यापार नीति में एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए चीन पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाकर 125% कर दिए हैं। साथ ही, उन्होंने उन देशों के लिए जवाबी टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है जो अमेरिका के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यह कदम वैश्विक व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
ट्रंप की व्यापार नीति में अचानक बदलाव
9 अप्रैल 2025 को, राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आश्चर्यजनक घोषणा करते हुए कहा कि वे अधिकांश देशों के लिए प्रस्तावित 10% जवाबी टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं। यह निर्णय वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल और अमेरिकी बॉन्ड बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच लिया गया। हालांकि, यह राहत चीन पर लागू नहीं होती; चीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिए गए हैं, जो पहले 104% थे। ट्रंप ने इसे चीन द्वारा वैश्विक बाजारों में उचित व्यवहार नहीं करने के जवाब में उठाया गया कदम बताया।
वैश्विक बाजारों पर प्रभाव
ट्रंप की इस घोषणा के बाद, वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई। अमेरिकी बाजारों में S&P 500 में 9.5% की बढ़ोतरी हुई, जबकि एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तेजी आई। हालांकि, चीन पर बढ़ाए गए टैरिफ के कारण व्यापार संबंधों में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे दीर्घकालिक व्यापार परिदृश्य पर प्रश्नचिन्ह लगा है।
ट्रंप का उद्देश्य और रणनीति
ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य व्यापार साझेदारों को वार्ता की मेज पर लाना और अमेरिका के लिए अधिक न्यायसंगत व्यापार शर्तें सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्री स्कॉट बेंटले ने इस कदम को रणनीतिक बताते हुए कहा कि यह व्यापार वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए है। ट्रंप ने स्वीकार किया कि बाजारों में हलचल ने उनके निर्णय को प्रभावित किया, लेकिन उन्होंने चीन के साथ भविष्य में समझौते के लिए भी तत्परता जताई है।
चीन की प्रतिक्रिया और संभावित प्रतिशोध
चीन ने ट्रंप के इस कदम को व्यापार युद्ध को और बढ़ाने वाला बताया है। चीन की सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाए, तो वे आवश्यक प्रतिशोधात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। यह स्थिति वैश्विक व्यापार संबंधों में और तनाव का कारण बन सकती है।
अन्य देशों की स्थिति और संभावित प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस निर्णय से अन्य देशों को 90 दिनों की राहत मिली है, लेकिन यह अवधि व्यापार वार्ता के लिए महत्वपूर्ण होगी। यूरोपीय संघ पहले ही अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठाने की योजना बना चुका है, जो वैश्विक व्यापार संबंधों में और जटिलता जोड़ सकता है।
आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
इस व्यापार नीति परिवर्तन का अमेरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। एक ओर जहां बाजारों में अस्थायी राहत देखी गई, वहीं व्यापार अनिश्चितता और संभावित प्रतिशोधात्मक कदम निवेशकों और व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। आने वाले महीनों में व्यापार वार्ता और नीति परिवर्तनों के आधार पर आर्थिक परिदृश्य में बदलाव संभव है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर टैरिफ बढ़ोतरी और अन्य देशों के लिए टैरिफ में अस्थायी राहत का निर्णय वैश्विक व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण मोड़ है। यह कदम अमेरिका की व्यापार नीति में आक्रामक रुख को दर्शाता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन समय के साथ होगा। व्यापार जगत और नीति निर्माता इस परिवर्तनशील परिदृश्य में सावधानीपूर्वक कदम उठा रहे हैं, ताकि संतुलित और स्थिर आर्थिक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।