कर्नाटक बंद: कर्नाटक प्राइवेट स्कूल्स यूनियन ने बंद को नैतिक समर्थन दिया है, लेकिन अन्य यूनियनों ने बंद का समर्थन नहीं किया और कहा कि कई जिलों, जिनमें बेंगलुरु भी शामिल है, में परीक्षाएं चल रही हैं और कोई छुट्टियां घोषित नहीं की गई हैं। इसी तरह, प्राइवेट कॉलेज भी खुले रहेंगे।

आज, 22 मार्च 2025 को कर्नाटक में कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के एक बस कंडक्टर पर मराठी समर्थक समूहों द्वारा किए गए हमले के विरोध में आयोजित किया गया है। इस बंद के दौरान कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, जबकि कर्नाटक सरकार ने इस बंद का समर्थन नहीं किया है और इसके खिलाफ स्थिति स्पष्ट की है।
कर्नाटक प्राइवेट स्कूल्स यूनियन का समर्थन
कर्नाटक प्राइवेट स्कूल्स यूनियन ने इस बंद को नैतिक समर्थन दिया है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों में कोई छुट्टियां नहीं दी जाएंगी और सभी शैक्षणिक कार्य सामान्य रूप से चलते रहेंगे। KPSU के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम कर्नाटक की संस्कृति और कन्नड़ भाषा के समर्थन में हैं, लेकिन हम इस बंद के दौरान बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं। स्कूल खुले रहेंगे और बच्चों को नियमित रूप से अपनी पढ़ाई जारी रखनी होगी।”
हालांकि, कई अन्य यूनियनों और संगठनों ने इस बंद का समर्थन करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में वर्तमान समय में बहुत सी परीक्षाएं चल रही हैं, जिनमें बेंगलुरु समेत अन्य जिलों में स्कूलों और कॉलेजों की परीक्षाएं शामिल हैं। इस कारण, वे नहीं चाहते कि बच्चों की पढ़ाई और परीक्षाओं में कोई विघ्न आए। इन यूनियनों का कहना है कि छात्र-छात्राओं की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए कोई भी अवकाश घोषित नहीं किया गया है।
बंद के दौरान स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति
कर्नाटक में प्राइवेट स्कूलों के बाद, कर्नाटक के निजी कॉलेज भी खुले रहने की संभावना है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कॉलेजों में भी कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा और कॉलेजों में सामान्य रूप से कक्षाएं चलेंगी। कर्नाटक राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को यह निर्देश दिया है कि वे छात्रों की पढ़ाई में कोई विघ्न न डालें और इस बंद का समर्थन करने या उसे लागू करने के कोई प्रयास न करें।
कर्नाटक में कई जिलों में परीक्षाएं चल रही हैं, और इसलिए राज्य सरकार ने छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे बंद के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए समय से पहले तैयार रहें।
बंद का उद्देश्य और कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के कन्नड़ समर्थक संगठन इस बंद के माध्यम से मराठी संगठन “महाराष्ट्र एकीकरण समिति” द्वारा कर्नाटक के बेलगावी जिले में किए गए कथित हमले के खिलाफ विरोध जताना चाहते हैं। इन कन्नड़ संगठनों का कहना है कि इस प्रकार के हमले कर्नाटक राज्य के समृद्ध संस्कृति और कन्नड़ भाषा को कमजोर करने का प्रयास हैं। इस संदर्भ में, कर्नाटक के कन्नड़ समर्थक संगठनों का यह भी कहना है कि राज्य में मराठी संगठनों के बढ़ते प्रभाव को रोकने की आवश्यकता है।
हालांकि, राज्य सरकार ने इस बंद का समर्थन नहीं किया है। कर्नाटक सरकार ने कहा है कि वह कर्नाटक के कन्नड़ संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन बंद का आह्वान करने से पहले जनता की सामान्य जीवनशैली और पढ़ाई में विघ्न डालने के प्रयासों को रोकने की जरूरत है। सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी सेवाओं और निजी संगठनों से अनुरोध किया है कि वे इस बंद के दौरान सामान्य कार्यों को बनाए रखें और छात्रों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आने दें।
सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी निगरानी
कर्नाटक सरकार ने बंद के दौरान राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है। बेंगलुरु समेत कर्नाटक के विभिन्न प्रमुख शहरों में पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि किसी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था से बचा जा सके। बेंगलुरु में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए पुलिस ने कहा है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अतिरिक्त बल को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, बंद के दौरान सड़कों पर सुरक्षा बल के गश्त लगाने की योजना बनाई गई है।
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा आयोजित रैलियां और विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक आयोजित करने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन किसी भी तरह की हिंसा से बचने के लिए पूरी तरह सतर्क है। बेंगलुरु में मुख्य रूप से 11 बजे के आसपास एक बड़ी रैली होने की संभावना है, जहां कई कन्नड़ समर्थक संगठन शामिल होंगे।
बंद का असर सार्वजनिक सेवाओं पर
बंद के दौरान सार्वजनिक सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। कर्नाटक राज्य परिवहन निगम की बस सेवाएं बंद रहेंगी, जिसके कारण यात्रियों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। बेंगलुरु मेट्रो सेवाएं सामान्य रूप से चलने की संभावना है, लेकिन मेट्रो ट्रेनों के समय में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा, बेंगलुरु में निजी परिवहन सेवाएं, जैसे कि ऑटो-रिक्शा और ओला-उबर जैसी कैब सेवाएं भी बंद के कारण प्रभावित हो सकती हैं।
हालांकि, आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, मेडिकल स्टोर्स, दूध की आपूर्ति और अन्य इमरजेंसी सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं पड़ेगा। इन सेवाओं को चालू रखने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है।
कर्नाटक में बंद के आयोजकों की मांगें
कर्नाटक बंद के आयोजक इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से कई प्रमुख मांगें कर रहे हैं। सबसे पहली मांग यह है कि कर्नाटक में महाराष्ट्र एकीकरण समिति जैसे मराठी संगठनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए। इन संगठनों का कहना है कि MES कर्नाटक की अखंडता और कन्नड़ संस्कृति के खिलाफ काम कर रहा है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके अलावा, कर्नाटक के कन्नड़ समर्थक संगठनों का यह भी कहना है कि राज्य में बेंगलुरु के प्रशासनिक विभाजन का विरोध किया जाए, क्योंकि इसके कारण कन्नड़ भाषा और संस्कृति को नुकसान हो सकता है। उनका मानना है कि बेंगलुरु के प्रशासनिक और राजनीतिक विभाजन से कर्नाटक के कन्नड़ समुदाय की पहचान को खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष
कर्नाटक में आज आयोजित होने वाला बंद कर्नाटक की संस्कृति और कन्नड़ भाषा के समर्थन में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इस बंद का विरोध करने वाले संगठनों ने इसे छात्रों और सामान्य नागरिकों की परेशानी के रूप में देखा है, खासकर जब राज्य में कई परीक्षाएं चल रही हैं और कोई छुट्टी घोषित नहीं की गई है। बावजूद इसके, सरकार ने बंद के आयोजकों से बातचीत करने की योजना बनाई है और यह सुनिश्चित किया है कि छात्रों की पढ़ाई में कोई विघ्न न आए।