PM मोदी से मुलाकात से पहले उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता इस तरह का सबसे बड़ा सौदा होगा।

नई दिल्ली: यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता इस तरह का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक सौदा होगा। उर्सुला वॉन डेर लेयेन का यह बयान भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों में नए मुकाम की ओर इशारा करता है, जो आने वाले दिनों में वैश्विक व्यापार के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात से पहले यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता एक ऐतिहासिक कदम होगा, जो दोनों पक्षों के लिए आर्थिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता दोनों देशों के व्यापार संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर डालेगा।
भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता: एक ऐतिहासिक कदम
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता कई वर्षों से विचाराधीन था, और अब इसके आकार और महत्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत तेज हो गई है। यदि यह समझौता सफलतापूर्वक संपन्न होता है, तो यह न केवल भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापारिक संबंधों को एक नई दिशा देगा, बल्कि वैश्विक व्यापार संरचना में भी एक नई शक्ति का उदय होगा।
उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने यह भी कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दोनों के पास बहुत बड़ी और समृद्ध बाजारों की संभावना है, जो इस समझौते को और अधिक प्रभावी बनाएगी। भारतीय बाजार में यूरोपीय कंपनियों के लिए अनगिनत अवसर होंगे, वहीं यूरोपीय संघ भी भारतीय उत्पादों को अपनी बाज़ारों में बेहतर स्थान दे सकेगा।
ईयू और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी
भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी और सहयोग के कई आयाम हैं। यह साझेदारी व्यापार, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, प्रौद्योगिकी, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में गहरी हो चुकी है। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और यूरोपीय संघ के देशों में भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग इस साझेदारी को और मजबूती प्रदान करती है।
इस संदर्भ में, उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को और अधिक प्रभावी बनाएगा। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच सहयोग से न केवल व्यापारिक विकास होगा, बल्कि नई नौकरियों और रोजगार के अवसरों की भी संभावना पैदा होगी।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते की संभावना
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए दोनों पक्षों की ओर से बातचीत तेज हो गई है। भारत ने पहले ही यूरोपीय संघ के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई थी। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने यूरोपीय संघ के साथ कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन अब एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और अधिक मजबूती दे सकता है।
भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए यूरोपीय संघ भी उत्सुक है, क्योंकि भारतीय बाजार यूरोपीय कंपनियों के लिए नए और विविध अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ चाहता है कि भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को और गहरा किया जाए, ताकि यूरोपीय कंपनियों को एशिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते बाजार का लाभ मिल सके।
भारत-ईयू के संबंधों में नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच इस मुलाकात से भारत-ईयू रिश्तों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात की गई।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के संभावित लाभ दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल आर्थिक रूप से दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापार संरचना में भी बदलाव ला सकता है। दोनों नेताओं ने एक स्थिर और समृद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा में साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया।
निष्कर्ष
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता, अगर सफल होता है, तो यह वैश्विक व्यापार के परिप्रेक्ष्य में एक ऐतिहासिक कदम होगा। उर्सुला वॉन डेर लेयेन का यह बयान इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, जो दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करेगा। पीएम मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन की मुलाकात से यह स्पष्ट है कि दोनों पक्ष इस समझौते के प्रति गंभीर हैं और इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।