सभाओं को संबोधित करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया, खासकर उन स्थानों पर जो आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, जैसे प्रयागराज, जहां कुंभ मेला आयोजित होता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के सफल आयोजन पर अधिकारियों और पुलिस की सराहना की, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर दिया जोर

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के बाद अधिकारियों, पुलिस और संबंधित विभागों की सराहना की। उन्होंने इस आयोजन को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि यह सफलता सरकारी तंत्र, पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच, प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था की योगी आदित्यनाथ ने विशेष सराहना की।
सीएम योगी ने इस सफलता के लिए मुख्य रूप से स्वच्छता, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के मामलों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में प्रशासन की कड़ी मेहनत और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था के कारण इस धार्मिक आयोजन का आयोजन अत्यधिक व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से किया गया।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने विशेष रूप से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ का आयोजन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण, स्वच्छता और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस आयोजन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया और सभी श्रद्धालुओं को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। यह आयोजन दर्शाता है कि जब हम सभी मिलकर काम करते हैं, तो हम न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक मजबूत संदेश दे सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में, जहां लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, वहां स्वच्छता बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन प्रशासन ने इस पर पूरी तरह से ध्यान दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि प्रयागराज में स्वच्छता अभियान के तहत विशेष सफाई कार्य किए गए और शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए पूरी टीम ने कठिन मेहनत की।
पुलिस बल और प्रशासन की सराहना
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था की भी खूब सराहना की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस बल की ओर से की गई कड़ी मेहनत को भी सराहा और कहा, “महाकुंभ में लाखों लोग शामिल होते हैं और ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना बहुत बड़ी चुनौती होती है। लेकिन हमारे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाया और श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित माहौल दिया। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था उच्च मानकों पर की गई और इससे कोई बड़ी घटना नहीं हुई। यह पुलिस बल की तत्परता और प्रतिबद्धता का परिणाम है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन के अन्य विभागों द्वारा भी इस आयोजन के हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया, चाहे वह चिकित्सा सेवाएं हों, यातायात व्यवस्था हो या फिर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखना।
कुंभ मेला का महत्व और भारतीय संस्कृति
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बताते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यह दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है और हमारे देश की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने इस अवसर पर भारत की धार्मिक विविधता, एकता और अखंडता को भी प्रदर्शित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ एक ऐसा अवसर है जहां लाखों लोग एकत्र होते हैं और एक ही उद्देश्य के तहत एकजुट होते हैं। यह भारत की विविधता को सम्मानित करने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का एक अद्वितीय अवसर है। यह हमारे समाज में सामूहिक चेतना का प्रतीक है।”
भविष्य में और बेहतर आयोजन का आश्वासन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भविष्य में महाकुंभ के आयोजन को और भी बेहतर और व्यवस्थित बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में भी इस धार्मिक आयोजन की सफलता बनी रहे और श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
उन्होंने अंत में महाकुंभ के सफल आयोजन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पुलिस बल का आभार व्यक्त किया और यह सुनिश्चित किया कि हर धार्मिक आयोजन में प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होगा।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का आयोजन एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफलता साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल इस सफलता को सराहा बल्कि भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को और भी बेहतर बनाने की दिशा में कड़े कदम उठाने का वचन भी दिया। स्वच्छता, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार की प्रतिबद्धता ने इस आयोजन को एक नई पहचान दिलाई। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह प्रशासन की कार्यकुशलता और तत्परता का भी प्रतीक बनकर उभरा।