रिपोर्ट, जो कि नई रेखा गुप्ता नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले 14 रिपोर्टों में से एक है, जिसमें पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर सवाल उठाए गए हैं, उसने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में भी उल्लंघनों को उजागर किया है।

नई दिल्ली, 25 फरवरी 2025: दिल्ली सरकार की शराब नीति पर कड़ी नजर रखते हुए, दिल्ली विधानसभा में आज पेश की गई CAG (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आम आदमी पार्टी के शासनकाल में शराब नीति से दिल्ली सरकार को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। इसके साथ ही, लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में भी कई गंभीर उल्लंघन किए गए हैं।
रिपोर्ट को नई दिल्ली विधानसभा में रेखा गुप्ता नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो पिछले AAP सरकार के कार्यकाल पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह रिपोर्ट, कुल 14 रिपोर्टों में से एक है, जिनका उद्देश्य दिल्ली सरकार की कार्यशैली और प्रशासनिक प्रक्रिया की समीक्षा करना है।
शराब नीति से 2,000 करोड़ का नुकसान
CAG रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति के तहत किए गए फैसलों से वित्तीय नुकसान हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, शराब की दुकानें संचालित करने के लिए नियमों में ढील दी गई, जिससे कर राजस्व में भारी गिरावट आई। इसके अलावा, शराब वितरण प्रणाली में अनियमितताओं के कारण भी सरकार को बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में बताया गया कि शराब की कीमतों के निर्धारण, दुकानों के संचालन और लाइसेंस वितरण में पारदर्शिता की कमी थी। इस सबका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली सरकार को अनुमानित 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
लाइसेंस जारी करने में उल्लंघन
इसके अलावा, रिपोर्ट ने शराब लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में भी उल्लंघनों को उजागर किया है। CAG ने कहा कि लाइसेंसों के आवंटन में नियमों का पालन नहीं किया गया और कई मामलों में भ्रष्टाचार की संभावना जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, शराब दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करते वक्त निर्धारित मानकों को नजरअंदाज किया गया और यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी।
CAG रिपोर्ट ने यह भी दावा किया कि कई लाइसेंस धारकों के खिलाफ नियमों का उल्लंघन हुआ, लेकिन इसके बावजूद उन्हें लाइसेंस जारी कर दिए गए। यह भी सामने आया कि कुछ लाइसेंसों का नवीनीकरण बिना किसी वैध प्रक्रिया के किया गया, जो कि एक गंभीर प्रशासनिक चूक है।
AAP का पलटवार
AAP ने CAG रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि यह रिपोर्ट केवल एक राजनीतिक हथकंडा है, जो भा.ज.पा. की सरकार द्वारा उनकी नीतियों को बदनाम करने के लिए प्रस्तुत की गई है। AAP के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट बिना किसी ठोस आधार के तैयार की गई है और इसमें कई तथ्य सही नहीं हैं।
AAP का कहना है कि उनकी सरकार ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सिर्फ भा.ज.पा. के इशारे पर बनाई गई है और इसका उद्देश्य दिल्ली सरकार को बदनाम करना है।
भा.ज.पा. का हमला
भा.ज.पा. ने CAG रिपोर्ट के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार पर जोरदार हमला किया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि AAP सरकार ने जानबूझकर शराब नीति के तहत पारदर्शिता को नजरअंदाज किया और सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया।
भा.ज.पा. नेताओं का कहना है कि दिल्ली के लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से कर चुकाया, लेकिन सरकार ने उनकी धनराशि को गलत तरीके से खर्च किया। पार्टी ने दिल्ली सरकार से जवाबदेही की मांग की है और यह कहा है कि जो लोग इस घोटाले में शामिल हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
राजनीतिक असर
CAG रिपोर्ट के सामने आने के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस रिपोर्ट ने दिल्ली विधानसभा में एक नए राजनीतिक घमासान को जन्म दे दिया है। जहां भा.ज.पा. AAP पर हमला कर रही है, वहीं AAP सरकार इसे एक राजनीतिक साजिश मानते हुए अपने खिलाफ उठाए गए इस कदम को खारिज कर रही है।
अब यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार इस रिपोर्ट पर क्या कदम उठाती है और क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं। साथ ही, दिल्ली के नागरिकों को इस रिपोर्ट के आधार पर अपनी सरकार की नीतियों पर पुनर्विचार करने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष
CAG रिपोर्ट ने दिल्ली की शराब नीति और लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में गंभीर खामियों को उजागर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को शराब नीति से भारी नुकसान हुआ और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी देखी गई। अब, यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक अहम मोड़ पर खड़ा है और भविष्य में इससे जुड़े कई सवाल उठने की संभावना है।