दिल्ली विधानसभा में एल-जी वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कई AAP विधायकों को विरोध प्रदर्शन करने के कारण निष्कासित कर दिया गया। एल-जी ने अपने अभिभाषण में सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में यमुना पुनर्निर्माण, स्वच्छ पानी, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और महिला सशक्तिकरण पर फोकस किया।

नई दिल्ली, 25 फरवरी: दिल्ली विधानसभा में एल-जी वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान हंगामा हो गया और कई AAP विधायकों को विरोध प्रदर्शन के कारण विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया। यह घटना तब हुई जब एल-जी ने सरकार की प्रमुख योजनाओं पर चर्चा की, जिसमें यमुना के पुनर्निर्माण, स्वच्छ पानी की आपूर्ति, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।
एल-जी के अभिभाषण के दौरान AAP विधायकों ने शोर-शराबा किया और सरकार की नीतियों पर विरोध जताया। उनका कहना था कि एल-जी के अभिभाषण में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए कार्यों और योजनाओं का कोई उल्लेख नहीं किया गया। विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए “जय भीम” के नारे भी लगाए। इससे विधानसभा में तनाव बढ़ गया और कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हो गई।
एल-जी का अभिभाषण और सरकार की प्राथमिकताएं
एल-जी वीके सक्सेना ने अपने अभिभाषण में सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का फोकस यमुना नदी के पुनर्निर्माण पर है, ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण आई समस्याओं का समाधान किया जा सके और नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इसके अलावा, स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराना, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन स्थापित करना और महिलाओं को सशक्त बनाना भी सरकार के प्रमुख लक्ष्य हैं।
एल-जी ने यह भी बताया कि सरकार ने कई नई योजनाओं की शुरुआत की है, जिससे आम जनता को फायदा होगा। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया।
AAP का विरोध
AAP के विधायकों ने एल-जी के अभिभाषण के दौरान उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विरोध जताया। AAP नेताओं का आरोप था कि एल-जी ने दिल्ली सरकार के कामों और योजनाओं को नजरअंदाज किया है। उनका कहना था कि एल-जी के अभिभाषण में केवल केंद्र सरकार के फैसलों का उल्लेख था, जबकि दिल्ली सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और विकास कार्यों को लागू किया है।
AAP ने आरोप लगाया कि एल-जी ने जानबूझकर दिल्ली सरकार द्वारा किए गए कामों को नकारा और विधानसभा में कोई ठोस बयान नहीं दिया। AAP ने यह भी कहा कि एल-जी के अभिभाषण में केवल केंद्र सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाया गया, जो दिल्लीवासियों के हितों के खिलाफ है।
निष्कासन और विधानसभा की कार्यवाही
विरोध प्रदर्शन के कारण विधानसभा की कार्यवाही में विघ्न आया। विधानसभा अध्यक्ष ने AAP के विरोध प्रदर्शन को असंसदीय मानते हुए कई विधायकों को तत्काल निष्कासित कर दिया। इनमें से कुछ विधायकों ने अपने निष्कासन को गलत और असंवैधानिक बताया, लेकिन अध्यक्ष ने अपनी कार्रवाई पर जोर दिया।
निष्कासन के बाद AAP के नेताओं ने इस कार्रवाई को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और कहा कि उनका विरोध सिर्फ जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए था। उन्होंने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार से न्याय की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटनाक्रम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। भाजपा ने AAP विधायकों के विरोध को अनुशासनहीन करार दिया और कहा कि इस तरह की हरकतें लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ हैं। वहीं, AAP ने इसे राजनीतिक बदला लेने की कोशिश बताते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला कहा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के दबाव में एल-जी ने यह सब किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में विरोध करना विधायकों का अधिकार है, और इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा में एल-जी वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान हुई यह घटनाएं विधानसभा के कामकाज और राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई हैं। AAP और भा.ज.पा. के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब और तेज हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में इस विवाद का समाधान कैसे निकाला जाता है और क्या विधानसभा में इस तरह की घटनाओं का असर दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर पड़ेगा।