राष्ट्रपति ट्रंप ने पेंटागन में बड़े बदलाव के तहत जॉइंट चीफ्स चेयरमैन जनरल CQ ब्राउन को हटा दिया, और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन को नियुक्त किया। यह कदम, ब्राउन के कार्यकाल के महज 16 महीने बाद, ट्रंप के सैन्य नेतृत्व को पुनर्गठित करने के प्रयासों का हिस्सा है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटागन में एक बड़ा बदलाव करते हुए जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल CQ ब्राउन को हटा दिया है। उनके स्थान पर लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन को नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह कदम, ब्राउन के कार्यकाल के महज 16 महीने बाद उठाया गया है, और ट्रंप की सैन्य नेतृत्व के पुनर्गठन की योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
ब्राउन की बर्खास्तगी और नए चेयरमैन की नियुक्ति
जनरल CQ ब्राउन, जो 2023 में जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन नियुक्त किए गए थे, ने पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी सेना में कई महत्वपूर्ण सुधारों और फैसलों का नेतृत्व किया था। हालांकि, ट्रंप के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी प्रशासनिक नीतियों से कुछ असहमति हो सकती है। ब्राउन ने अमेरिकी सेना को विविधता, समानता और समावेशिता (DEI) को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए थे, जो ट्रंप के नजरिए से मेल नहीं खाते थे।
ट्रंप ने हमेशा ही DEI नीतियों को सेना के लिए हानिकारक बताया है और उनका कहना है कि इन नीतियों से सेना की प्रभावशीलता पर असर पड़ता है। यही कारण है कि ब्राउन के हटाए जाने को ट्रंप के सैन्य नेतृत्व में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
डैन केन की नियुक्ति
जनरल CQ ब्राउन की जगह लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन को नियुक्त किया गया है। डैन केन एक अनुभवी सैन्य अधिकारी हैं, जो कई महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा रहे हैं और जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और रणनीतिक समझ से सेना में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनका करियर अमेरिका के सैन्य तंत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहा है और अब उन्हें पेंटागन के सबसे उच्च पद पर नियुक्त किया गया है।
केन को ब्राउन के हटने के बाद एक स्थिर और सशक्त सैन्य नेतृत्व प्रदान करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। ट्रंप का मानना है कि डैन केन की नियुक्ति से अमेरिकी सेना में अधिक संगठनात्मक समन्वय और मजबूती आएगी।
सैन्य नेतृत्व में बदलाव की आवश्यकता
यह बदलाव सिर्फ एक व्यक्ति की बर्खास्तगी नहीं है, बल्कि ट्रंप के सैन्य नेतृत्व में व्यापक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी सेना को अधिक परंपरागत नेतृत्व की आवश्यकता है, और DEI जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देना सेना के मूल उद्देश्य को कमजोर कर सकता है। उनका यह कदम दिखाता है कि वह सेना के भीतर उन अधिकारियों को महत्व देते हैं जो अमेरिका की सैन्य शक्ति को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं, न कि सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करें।
ब्राउन का कार्यकाल और विवाद
जनरल ब्राउन का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है। उन्होंने अमेरिकी सेना में DEI को बढ़ावा देने की कोशिश की, जिससे कई वर्गों में असंतोष उत्पन्न हुआ। कुछ लोगों का मानना था कि इस प्रकार की नीतियां सेना की एकता और संघर्ष क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इसके विपरीत, ब्राउन ने विविधता को सेना की ताकत बताया था और इसे एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में प्रस्तुत किया था।
ट्रंप ने हमेशा से इस दृष्टिकोण का विरोध किया है, और उनका मानना था कि सेना में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को प्राथमिकता देने से सैनिकों का मनोबल प्रभावित हो सकता है।
आगे की राह
अब जब डैन केन को जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वह सैन्य सुधारों और नीतियों को कैसे आगे बढ़ाते हैं। उनकी नियुक्ति के बाद ट्रंप की रणनीति स्पष्ट हो सकती है कि वह सेना को एक नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं, जो केवल सैन्य क्षमता पर केंद्रित हो, न कि सामाजिक मुद्दों पर।
इस बदलाव से यह भी संकेत मिलता है कि ट्रंप 2024 के चुनावों में फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में उतरने के लिए तैयार हैं और अपनी सैन्य नीति को एक बार फिर से सशक्त करना चाहते हैं। उनका यह कदम अमेरिकी सेना में बदलाव की इच्छा और एक नई सैन्य रणनीति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह कदम पेंटागन में महत्वपूर्ण बदलावों की शुरुआत हो सकता है, और यह अमेरिकी सेना के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकता है। डैन केन की नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिकी सेना को एक नई दिशा मिल सकती है, जो उसे युद्ध की तैयारियों और वैश्विक संकटों से निपटने में अधिक सक्षम बनाएगी।