आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाती मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल से दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में एक दलित नेता की नियुक्ति करने की अपील की, और पंजाब में दलित उप-मुख्यमंत्री की नियुक्ति के वादे को न पूरा करने का हवाला दिया।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की सांसद स्वाती मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने केजरीवाल से दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता (LoP) के रूप में एक दलित नेता की नियुक्ति करने की मांग की है। इस दौरान, स्वाती मालीवाल ने पंजाब में दलित उप-मुख्यमंत्री के पद को लेकर किए गए वादे का हवाला देते हुए कहा कि यह एक अवसर है जब केजरीवाल को अपने वादे को पूरा करना चाहिए और दलित समुदाय का सम्मान करना चाहिए।
पंजाब में दलित उप-मुख्यमंत्री का वादा
स्वाती मालीवाल ने अपने बयान में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दलित समुदाय को उप-मुख्यमंत्री का पद देने के वादे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में इस वादे को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया, जबकि दिल्ली में एक और अवसर है जब केजरीवाल दलित समाज का सम्मान कर सकते हैं। मालीवाल ने कहा, “अगर आप दलितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहते हैं, तो दिल्ली विधानसभा में दलित नेता को विपक्ष का नेता बनाएं।”
दलित समाज के प्रति समर्थन
स्वाती मालीवाल ने यह भी कहा कि दलित समाज हमेशा से समाज के निचले तबके का हिस्सा रहा है और उनकी आवाज को हमेशा दबाया गया है। इस मुद्दे पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल से अपील की कि वे इस समुदाय को सही प्रतिनिधित्व दें और उनके अधिकारों के लिए खड़े हों। मालीवाल ने यह भी कहा कि इस कदम से पार्टी को भी व्यापक समर्थन मिल सकता है, क्योंकि दिल्ली में दलित वोट बैंक भी महत्वपूर्ण है।
केजरीवाल का पक्ष
अरविंद केजरीवाल ने स्वाती मालीवाल की इस अपील पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। दिल्ली में फिलहाल विपक्ष के नेता का पद खाली है, और यह माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी जल्द ही इस पर निर्णय ले सकती है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या केजरीवाल अपनी पार्टी में दलित नेता को विपक्ष का नेता बनाएंगे या नहीं।
दिल्ली की राजनीति में दलितों की भूमिका
दिल्ली विधानसभा में दलित समाज का बड़ा योगदान रहा है, और यह समुदाय पार्टी के लिए महत्वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभरा है। आम आदमी पार्टी ने हमेशा से दलितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है, लेकिन अब यह देखना होगा कि क्या वे स्वाती मालीवाल की अपील को गंभीरता से लेते हैं और अपनी पार्टी के अंदर दलित नेता को विपक्ष का नेता बनाकर यह संदेश देते हैं कि वे दलितों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
निष्कर्ष
स्वाती मालीवाल की यह अपील दिल्ली विधानसभा की राजनीति में एक नई बहस का आगाज कर सकती है। दलित समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए अरविंद केजरीवाल को इस पर विचार करना होगा और यह देखना होगा कि वे इस मुद्दे को किस तरह से हल करते हैं। इस मुद्दे के समाधान के बाद दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है, और यदि केजरीवाल दलित नेता को विपक्ष का नेता बनाते हैं, तो यह उनके लिए एक बड़ा कदम होगा।