उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया, जिससे उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत हुई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संबोधन के साथ शुरू हो गया। राज्यपाल ने विधान भवन में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राज्य सरकार के विकास कार्यों, योजनाओं और आगामी बजट के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनके इस संबोधन के साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आधिकारिक रूप से शुरू हो गया। इस सत्र में राज्य सरकार अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करेगी, जो राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्धारित करेगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का संबोधन
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और विकासात्मक पहलुओं की चर्चा की। उन्होंने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में किए गए कार्यों का जिक्र किया। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी सराहा।
राज्यपाल ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया है, जिससे राज्य के नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं, महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सृजन की पहल, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और डिजिटल भारत की दिशा में कदम बढ़ाना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है।”
राज्यपाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। उन्होंने राज्य में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया, साथ ही सरकार के लक्ष्य को स्पष्ट किया कि आने वाले समय में राज्य को देश के प्रमुख आर्थिक केंद्रों में शामिल किया जाएगा।
सीएम योगी का बयान
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्यपाल के संबोधन का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य राज्य के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाना है। सरकार ने सभी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के हर नागरिक तक पहुंचाने का काम किया है। राज्य सरकार अब तक राज्य के विकास में बड़े कदम उठा चुकी है, और आने वाले बजट में और भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।”
सीएम योगी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का बजट जनकल्याण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा, जिसमें युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर, किसानों के लिए उन्नति योजनाएं, और महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में अहम फैसले लिए जाएंगे। साथ ही, वह यह भी चाहते हैं कि इस सत्र में विपक्ष अपने सकारात्मक योगदान से राज्य की प्रगति में भागीदार बने।
बजट सत्र का महत्व
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का बहुत महत्व है, क्योंकि इस सत्र में राज्य सरकार अपने वित्तीय वर्ष का बजट पेश करती है, जो आगामी विकास कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं की दिशा को निर्धारित करता है। इस बार के बजट सत्र में राज्य सरकार द्वारा किसानों, युवाओं, महिला सशक्तिकरण, और शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार की प्राथमिकता में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए भी पर्याप्त राशि आवंटित किए जाने की संभावना है।
विपक्ष का रुख
बजट सत्र की शुरुआत में विपक्ष ने राज्य सरकार की योजनाओं और कामकाजी शैली पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विकास के नाम पर केवल घोषणाएं की हैं, लेकिन धरातल पर बदलाव कम दिखा है। विपक्ष ने आगामी बजट में किसानों और गरीबों के लिए ठोस उपायों की मांग की है। साथ ही, वे सरकार से यह भी चाहते हैं कि बजट का बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन के लिए आवंटित किया जाए।
बजट सत्र की प्रमुख चर्चा
इस सत्र में बजट के अलावा कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिनमें राज्य की कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, और किसानों के लिए राहत योजनाओं पर विचार हो सकता है। इसके अलावा, विपक्ष इस बात पर भी जोर दे सकता है कि राज्य सरकार ने पिछली योजनाओं के परिणामों को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित की है या नहीं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र राज्य के विकास की दिशा में अहम साबित हो सकता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संबोधन से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने कई क्षेत्रों में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए हैं, और आगामी बजट में और अधिक विकासात्मक कदम उठाए जाएंगे। वहीं, विपक्ष की भूमिका भी इस सत्र में महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वह सरकार से जवाबदेही की मांग कर सकता है।
यह सत्र न केवल राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को लेकर सरकार की योजनाओं का रोडमैप तय करेगा, बल्कि राज्य की राजनीति में भी नए मोड़ ला सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बजट सत्र सरकार और विपक्ष के बीच समन्वय और सहमति का प्रतीक बन पाता है या नहीं।