10 फरवरी को जामिया मिलिया इस्लामिया में कुछ छात्रों ने प्रदर्शन किया। तब से, उन्होंने कक्षाओं को बाधित किया और छात्रों को लाइब्रेरी में प्रवेश करने से रोका।

नई दिल्ली: 10 फरवरी 2025 को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस प्रदर्शन के बाद से परिसर में हंगामा मच गया है, जिसके कारण कक्षाओं में रुकावट आई है और छात्रों को लाइब्रेरी में प्रवेश करने से रोका गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अवैध करार दिया है और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस को बुलाया है।
प्रदर्शन का कारण
जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किए गए कुछ निर्णयों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। जानकारी के अनुसार, छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है, जिससे वे असहमत हैं। छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी उचित कारण के इन छात्रों को निशाना बनाया और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया। इसके विरोध में उन्होंने 10 फरवरी को विश्वविद्यालय के भीतर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
प्रदर्शन के प्रभाव
प्रदर्शन के बाद, छात्रों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक ब्लॉकों को बंद कर दिया और कक्षाओं को प्रभावित किया। इसके साथ ही, छात्रों ने लाइब्रेरी के प्रवेश द्वार पर भी कब्जा कर लिया और दूसरे छात्रों को लाइब्रेरी में जाने से रोक दिया। इस कारण, कई छात्रों को अपनी पढ़ाई में गंभीर नुकसान हुआ। विश्वविद्यालय की परीक्षा के निकट आने के बावजूद, छात्रों के लिए अध्ययन करना कठिन हो गया, क्योंकि लाइब्रेरी तक पहुंच पूरी तरह से बंद कर दी गई थी।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अवैध बताते हुए कहा कि यह छात्रों का गलत कदम है। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छात्रों ने शैक्षणिक गतिविधियों को बाधित किया और अन्य छात्रों की पढ़ाई में विघ्न डाला। प्रशासन ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक घटनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और इसे लेकर कार्रवाई की जाएगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने से बचें और शांतिपूर्वक अपनी बात रखें। साथ ही, विश्वविद्यालय ने कहा है कि किसी भी तरह की अव्यवस्था को सहन नहीं किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन और हंगामे के बाद, पुलिस को विश्वविद्यालय परिसर में बुलाया गया है। पुलिस ने छात्रों के आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। अब तक 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि परिसर में शांति और व्यवस्था बनी रहे।
छात्रों की स्थिति
विरोध करने वाले छात्रों ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और जब तक प्रशासन उनके मुद्दों को नहीं सुनता, वे प्रदर्शन करते रहेंगे। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई अनुचित है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। छात्रों ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस की ओर से मिली प्रतिक्रिया ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे ज्यादा आक्रामक रूप से विरोध करें।
निष्कर्ष
जामिया मिलिया इस्लामिया में 10 फरवरी को शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल में हंगामा और अव्यवस्था फैलने से छात्रों के लिए कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की है, प्रदर्शनकारी छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस स्थिति का समाधान कैसे करता है और क्या प्रदर्शनकारी छात्रों के मुद्दों को हल किया जा सकता है।