प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे

नई दिल्ली, 12 फरवरी 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी फ्रांस दौरे के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह महत्वपूर्ण बैठक भारत और फ्रांस के बीच सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच पुराने और मजबूत संबंधों को नए आयाम देने का अवसर प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिसमें व्यापार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है, खासकर ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ग्रीन एनर्जी जैसे भविष्य-oriented विषयों पर।
भारत-फ्रांस के रिश्ते
भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक और गहरे संबंध हैं जो कई दशकों से विकसित हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग हमेशा प्रगति की ओर बढ़ा है। फ्रांस, भारत का एक महत्वपूर्ण साझीदार है, और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सैन्य सहयोग के कई समझौते भी किए गए हैं। भारत और फ्रांस के बीच पिछले कुछ वर्षों में मजबूत सैन्य सहयोग हुआ है, खासकर रक्षा उपकरणों के व्यापार और संयुक्त सैन्य अभ्यासों के माध्यम से।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच वार्ता में एक प्रमुख विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) होगा। दोनों नेता इस बात पर सहमत हैं कि ए.आई. का निष्पक्ष और समान रूप से उपयोग होना चाहिए, जिससे हर देश को इसके लाभ समान रूप से मिल सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार यह उल्लेख किया है कि ए.आई. का विकास केवल कुछ विकसित देशों तक सीमित न होकर पूरी दुनिया में समान रूप से हो, ताकि वैश्विक स्तर पर इसका सही उपयोग हो सके।
फ्रांस, ए.आई. के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है और राष्ट्रपति मैक्रों ने हमेशा इसके निष्पक्ष उपयोग और इसके लिए वैश्विक नीति निर्धारण की आवश्यकता की बात की है। मोदी और मैक्रों की यह बैठक ए.आई. के वैश्विक नियमों को लेकर अहम निर्णय ले सकती है। दोनों नेताओं के बीच यह विषय खास तौर पर वैश्विक स्तर पर ए.आई. के न्यायसंगत उपयोग, ए.आई. के विकास में हर देश को समान अवसर देने, और इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर चर्चा की जाएगी।
जलवायु परिवर्तन और ग्रीन एनर्जी
जलवायु परिवर्तन भी एक अन्य महत्वपूर्ण विषय है जिस पर भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई पहलें शुरू की हैं।
फ्रांस, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में अग्रणी है और प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ावा देने पर भी चर्चा की जाएगी। खासतौर पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइड्रोजन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
व्यापार और रक्षा सहयोग
भारत और फ्रांस के बीच व्यापार और रक्षा सहयोग भी एक अहम क्षेत्र है। दोनों देशों के बीच कई प्रमुख रक्षा समझौते हुए हैं, और फ्रांस भारत का एक महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्तिकर्ता देश है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच इस क्षेत्र में भी नए समझौते हो सकते हैं, जो दोनों देशों के सैन्य संबंधों को और मजबूत करेंगे।
व्यापार के मोर्चे पर भी दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई सुधार किए हैं, और फ्रांस के निवेशकों को भारत में निवेश के अवसर प्रदान करने की दिशा में नई पहल की जा सकती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का यह फ्रांस दौरा भारत और फ्रांस के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता से वैश्विक सहयोग के नए अवसर उत्पन्न होंगे, खासकर उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंधों में और प्रगति होने की उम्मीद है।