आचार्य महंत सत्येन्द्र दास, अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी, लखनऊ में उपचार के दौरान 85 वर्ष की आयु में निधन हो गए।

अयोध्या, 12 फरवरी 2025: अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य महंत सत्येन्द्र दास का 85 वर्ष की आयु में लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई है और श्रद्धांजलि देने के लिए लोग मंदिर परिसर में एकत्रित हो रहे हैं। आचार्य महंत सत्येन्द्र दास का निधन एक बड़ा आघात है, क्योंकि वे न केवल राम मंदिर के प्रमुख पुजारी थे, बल्कि राम भक्तों और धार्मिक समाज के एक सम्मानित और revered नेता भी थे।
आचार्य महंत सत्येन्द्र दास पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और उनका इलाज लखनऊ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान उनकी स्थिति गंभीर हो गई, और अंततः सोमवार को उनका निधन हो गया। उनका निधन राम मंदिर से जुड़े सभी अनुयायियों और आस्थावानों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे राम मंदिर आंदोलन के अहम चेहरे थे और मंदिर निर्माण कार्य में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
आचार्य महंत सत्येन्द्र दास का जन्म 1939 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ था। वे धार्मिक संस्कारों से भरे हुए परिवार से थे और शुरू से ही उनकी रुचि धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ में थी। उनकी पुण्यभूत यात्रा के कारण उन्हें समाज में आदर और सम्मान प्राप्त हुआ। वे वर्षों से राम मंदिर के पुजारी के रूप में कार्यरत थे और राम के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति अद्वितीय थी।
उनके कार्यकाल के दौरान राम मंदिर के निर्माण कार्य में भी उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया था। राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष में वे एक प्रमुख हस्ती रहे, जिन्होंने न केवल आस्था की शक्ति को दिखाया, बल्कि धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा दिया। उनके नेतृत्व में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और राम भक्तों का विश्वास बढ़ा।
आचार्य महंत सत्येन्द्र दास की श्रद्धा और समर्पण के कारण वे केवल एक मंदिर के पुजारी नहीं, बल्कि धार्मिक समाज के प्रेरणास्त्रोत भी थे। उनका जीवन अयोध्या के इतिहास और राम मंदिर आंदोलन में हमेशा याद रखा जाएगा। उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए राम जन्मभूमि मंदिर के परिसर में शोकसभा आयोजित की जाएगी।
उनके निधन पर अयोध्या के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक समुदायों से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आचार्य महंत सत्येन्द्र दास के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, “आचार्य महंत सत्येन्द्र दास का निधन अयोध्या और समग्र हिंदू समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन और कार्य हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा।”
इस समय अयोध्या में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। राम मंदिर के अनुयायी, संत-महात्मा, और स्थानीय लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए मंदिर परिसर में इकट्ठा हो रहे हैं। आचार्य महंत सत्येन्द्र दास के निधन से अयोध्या के राम भक्तों का दिल टूट गया है, लेकिन उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्य और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में आचार्य महंत सत्येन्द्र दास का योगदान ऐतिहासिक था। वे हमेशा राम मंदिर के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम के लिए जाने जाते थे। उनका निधन राम भक्तों के लिए एक बड़ी क्षति है, और उनका योगदान हमेशा जीवित रहेगा।