अपने वर्तमान फ्रांस दौरे के दौरान, पीएम मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ AI शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे, जहां दोनों नेता नई दिल्ली और पेरिस के बीच साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाएंगे। पीएम मोदी कादाराश भी जाएंगे, जहां इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) स्थित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चार दिवसीय फ्रांस यात्रा पर पेरिस पहुंचे हैं, जहाँ वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना है, खासकर तकनीकी और ऊर्जा के क्षेत्र में। पीएम मोदी का यह दौरा भारत और फ्रांस के रिश्तों को एक नई दिशा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
AI शिखर सम्मेलन में सह-अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व में आयोजित हो रहे इस AI शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के प्रमुख वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल होंगे। इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास, उसके भविष्य और मानवता के लिए इसके संभावित लाभों पर चर्चा होगी।
भारत और फ्रांस दोनों ही देशों के लिए यह शिखर सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग पहले से ही मजबूत है। फ्रांस ने हमेशा भारत के साथ अपने वैज्ञानिक और तकनीकी संबंधों को प्राथमिकता दी है, और AI क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझा प्रयासों से वैश्विक स्तर पर नई नीतियाँ और समाधान सामने आ सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा से पहले ट्वीट कर कहा, “मैं फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मिलकर AI शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्साहित हूं। यह अवसर दोनों देशों के बीच मजबूत और गहरे रिश्तों को और अधिक सशक्त बनाने का है।”
कादाराश में ITER की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान फ्रांस के कादाराश क्षेत्र में स्थित इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) का भी दौरा करेंगे। ITER दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर परियोजना है, जिसे संयुक्त रूप से कई देशों द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिनमें भारत भी शामिल है। यह परियोजना भविष्य में स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा के स्रोत के रूप में अहम भूमिका निभा सकती है।
भारत ITER परियोजना का हिस्सा है, और इस परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रधानमंत्री मोदी के कादाराश दौरे का उद्देश्य ITER परियोजना की प्रगति का निरीक्षण करना और भारत की भूमिका को और मजबूत करना है। मोदी के इस दौरे से भारत और फ्रांस के ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है।
भारत-फ्रांस रिश्ते
भारत और फ्रांस के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बहुत मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहरे संबंध हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्न रणनीतिक साझेदारियाँ जैसे कि “रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” और “सुरक्षा सहयोग” ने दोनों देशों को वैश्विक मंच पर एक साथ खड़ा किया है।
फ्रांस ने भारत के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता साझा की है, वहीं भारत ने भी फ्रांस के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को और मजबूत किया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है, और भारत-फ्रांस साझेदारी वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बनती जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के दौरान भारत और फ्रांस के बीच मजबूत होते रिश्तों को और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत और फ्रांस के बीच रिश्ते केवल सरकारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमारे लोगों के बीच भी मजबूत हैं। हम मिलकर नई तकनीकों, ऊर्जा समाधान और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए काम कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही यह भी कहा कि फ्रांस की विशेषज्ञता और भारत की तकनीकी क्षमता के संयोजन से हम वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं। AI और ऊर्जा क्षेत्र में हमारी साझेदारी भविष्य में और भी सशक्त होगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का यह फ्रांस दौरा भारत और फ्रांस के रिश्तों को नए आयाम देने वाला साबित होगा। AI शिखर सम्मेलन और ITER परियोजना का दौरा दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को और बढ़ावा देगा। साथ ही, यह यात्रा भारत और फ्रांस के बीच वैश्विक मंच पर एक मजबूत साझेदारी को और भी स्थिर करेगी।