दिल्ली चुनाव 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे, मतगणना 8 फरवरी को होगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का इंतजार अब खत्म होने वाला है, और यह चुनाव 5 फरवरी को होंगे, जबकि मतगणना 8 फरवरी को होगी। यह चुनाव राष्ट्रीय राजधानी में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना बनकर सामने आ रहे हैं, जहां वर्तमान में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (AAP), जिसके नेता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं, को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली, अपनी विविध चुनावी जनसंख्या और जटिल राजनीतिक परिप्रेक्ष्य के साथ, हमेशा से ही एक तीव्र राजनीतिक अभियान का केंद्र रहा है। यह चुनाव शहर के भविष्य के शासन का निर्धारण करेंगे, जिसमें राजनीतिक दल 70 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत प्राप्त करने के लिए अपना जोर लगाएंगे।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य: मुख्य दावेदार
हाल ही में, ruling AAP पार्टी ने विशेष रूप से 2020 दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के साथ सफलता देखी है, जिसमें उसने 70 में से 62 सीटें जीतीं। पार्टी का चेहरा अरविंद केजरीवाल रहा है, जिन्हें मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बिजली सब्सिडी जैसी योजनाओं के लिए सराहा गया है। उनके नेतृत्व में AAP ने दिल्ली राजनीति में एक मजबूत ताकत के रूप में खुद को स्थापित किया है।
वहीं, भाजपा अगले चुनाव में वापसी करने का प्रयास कर रही है। भाजपा 2015 के बाद से दिल्ली में कोई प्रमुख चुनाव नहीं जीत पाई है, लेकिन पार्टी ने इस चुनाव के लिए अपना प्रचार तेज कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और शासन भाजपा की रणनीति के मुख्य स्तंभ बन गए हैं। भाजपा का आरोप है कि AAP प्रशासन में सक्षम नहीं है और उसने अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
कांग्रेस, जो कभी दिल्ली में प्रमुख ताकत हुआ करती थी, अब धीरे-धीरे अपनी स्थिति खो चुकी है। लेकिन पार्टी ‘जीवन रक्षा योजना’ के तहत 25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का वादा करते हुए अपनी किस्मत को फिर से तराशने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस अब अपने चुनावी घोषणापत्र में महंगाई, बेरोजगारी और आवास जैसे स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
चुनाव तिथि और तैयारियाँ
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी 2025 को होंगे, और मतगणना 8 फरवरी को होगी। चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और स्वतंत्र बनाने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। आयोग ने आश्वासन दिया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई समस्या नहीं होगी और यह प्रक्रिया संवेदनशील स्थानों पर असर डाले बिना सम्पन्न होगी।
मतदाता सूची के संबंध में, निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट किया है और यह सुनिश्चित किया है कि सभी योग्य नागरिक पंजीकृत हैं। आयोग ने मतदान केंद्रों तक आसान पहुंच बनाने की व्यवस्था की है ताकि विकलांग और वृद्ध मतदाता भी आराम से वोट कर सकें। मतदाता जागरूकता कार्यक्रम पूरे शहर में चलाए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोग मतदान में भाग लें।
मुख्य मुद्दे चुनावी प्रचार में
चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ, दिल्ली में राजनीतिक चर्चा का मुख्य विषय उन मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रहा है जो जनता के जीवन को प्रभावित करते हैं। इनमें सबसे अहम मुद्दे स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र हैं। दोनों ही पार्टियाँ इन क्षेत्रों को सशक्त बनाने पर जोर दे रही हैं। AAP ने मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं को जारी रखने का वादा किया है, जबकि BJP ने AAP के नागरिक अवसंरचना, जैसे सड़कों और स्वच्छता, पर विफलता का आरोप लगाया है।
महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत इन चुनावों में सबसे अहम मुद्दों में से एक है। महंगाई के कारण दिल्लीवासी सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए ज्यादा पैसा दे रहे हैं, और सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपने घोषणापत्रों में महंगाई को नियंत्रण में लाने का वादा कर रही हैं। कांग्रेस ने भी सत्ता में आने पर नौकरी सृजन और गरीब और मध्यवर्ग के लिए बेहतर कल्याण योजनाओं का वादा किया है।
कानून-व्यवस्था भी एक विवादित मुद्दा बनी हुई है, भाजपा का आरोप है कि दिल्ली सरकार अपराधों को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने में नाकाम रही है। हालांकि, AAP ने अपने रिकॉर्ड का बचाव करते हुए सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और अवसंरचनात्मक विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
चुनाव परिणामों की उम्मीदें
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति पर लंबी अवधि तक प्रभाव डालेंगे। अगले सरकार का निर्णय तो होगा ही, साथ ही यह 2024 के आम चुनावों के लिए भविष्य की राजनीतिक लड़ाइयों का मार्ग भी तैयार करेगा। AAP और BJP दोनों ही इस चुनाव में उच्च दांव पर हैं और राष्ट्रीय राजनीति में उनके दृष्टिकोण से यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
इसलिए, 5 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव AAP, BJP और कांग्रेस के बीच एक महत्वपूर्ण मुकाबला बनता जा रहा है। तीनों पार्टियाँ दिल्ली की जनता के मुद्दों को सुनने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और अगले कुछ हफ्तों में प्रचार तेज होगा, जिसमें शासन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक चिंताओं पर जोर दिया जाएगा। अंततः, चुनाव परिणाम दिल्ली के अगले पांच वर्षों की राजनीतिक दिशा तय करेंगे।