दिल्ली में घना कोहरा: शुक्रवार को कई क्षेत्रों में दृश्यता में भारी कमी आई, जिसके कारण दिल्ली से चलने वाली कम से कम 24 ट्रेनों में देरी हुई और फ्लाइट्स का समय भी फिर से निर्धारित किया गया।

दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में शुक्रवार सुबह घना कोहरा छा गया, जिससे यातायात व्यवस्था में बड़े पैमाने पर रुकावटें आईं। कोहरे के कारण दृश्यता में भारी कमी आई, जिसके चलते दिल्ली से रवाना होने वाली कम से कम 24 ट्रेनों में देरी हुई और कई फ्लाइट्स का समय फिर से निर्धारित किया गया। यह मौसम का हिस्सा है, लेकिन फिर भी यह कुछ ऐसा है जिससे लोग पूरी तरह से अभ्यस्त नहीं हो पाते हैं।
कोहरा, जो दिल्ली और उसके आसपास के बड़े हिस्सों में फैला था, ने रेल और हवाई यात्रा दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित किया। ट्रेन सेवाएं विशेष रूप से प्रभावित हुईं, जहां नई दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर देरी की रिपोर्ट मिली। ट्रैक पर दृश्यता कम होने के कारण सुरक्षा चिंताएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण रेलवे अधिकारियों को कई ट्रेनों की departure में देरी करने पर मजबूर होना पड़ा। यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा, और कई लोग अप्रत्याशित मौसम की वजह से फंसे रहे।
कुल मिलाकर 24 ट्रेनें देर से रवाना हुईं, जिससे प्रमुख रेलवे जंक्शनों पर भीड़ और यात्री असुविधा बढ़ गई। इनमें कुछ एक्सप्रेस और इंटरसिटी ट्रेनें भी शामिल थीं, जो दिल्ली को अन्य शहरों से जोड़ती हैं। इस तरह की देरी से न सिर्फ रोजमर्रा के यात्रियों को परेशानी हुई, बल्कि दूर-दराज यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हो गए।
यहां तक कि ट्रेनें ही नहीं, फ्लाइट संचालन पर भी कोहरे का असर पड़ा, खासकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, जो देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। कम दृश्यता के कारण कुछ फ्लाइट्स को फिर से निर्धारित किया गया, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कई फ्लाइट्स में देरी हुई, और इसकी वजह से उड़ानों के आगमन और प्रस्थान के समय में बदलाव हुआ।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें उन्हें हवाई अड्डे आने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति की जांच करने के लिए कहा गया। एक प्रवक्ता ने कहा, “यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति पर अपडेट रहें, क्योंकि मौसम की स्थिति देरी का कारण बन सकती है। हम इस चुनौतीपूर्ण मौसम में सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
दिनभर कोहरा धीरे-धीरे छटने लगा, लेकिन इसके बाद भी देरी की समस्याओं का सामना करना पड़ा। यात्री, जो ट्रेन और फ्लाइट के फिर से निर्धारित समय के बारे में जानकारी नहीं रखते थे, घंटों इंतजार करने के बाद भी परेशान हो गए, और उन्हें रेलवे या हवाई अड्डे से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली कि देरी का कारण क्या था या कब नई departure का समय होगा।
प्राधिकृत अधिकारियों ने पूरे दिन स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, और उन्होंने देरी के कारण लंबित ट्रेनों और फ्लाइट्स को खत्म करने के प्रयास किए। हालांकि, यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सर्दी के मौसम में परिवहन क्षेत्र को कोहरे के दौरान किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि अधिकारियों और यात्रियों के बीच प्रभावी संवाद की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश यात्रियों ने इस बात पर खेद जताया कि देरी के दौरान उन्हें कोई अपडेट नहीं मिला।
क्षेत्र में घना कोहरा एक मौसमी समस्या है, और अगले कुछ हफ्तों तक इसके बने रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोहरे की संभावना जताई थी, और यह कहा था कि दृश्यता विशेष रूप से सुबह और शाम के समय कम रहेगी। हालांकि, यह कोहरा सर्दियों का सामान्य हिस्सा है, इसकी तीव्रता हर बार अलग-अलग होती है, और इस बार यह विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि इसने व्यापक असुविधाएं पैदा की हैं।
कोहरा दिल्ली के वायु गुणवत्ता से जुड़ी बड़ी समस्याओं की भी याद दिलाता है। सर्दियों के दौरान दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब रहती है, जो कोहरे के साथ और भी खराब हो जाती है, जिससे स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। जबकि अधिकारी परिवहन व्यवस्था को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में भी तेजी से कदम उठाने की मांग बढ़ रही है, क्योंकि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है।
हालांकि मौसम साफ होने के साथ परिवहन प्रणाली धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने की संभावना है, लेकिन शुक्रवार की देरी ने आने वाली बार-बार ऐसी घटनाओं के लिए तैयार रहने और बेहतर आपातकालीन योजनाओं की आवश्यकता को स्पष्ट कर दिया है। प्रशासन ने यात्रियों से सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि अगले कुछ दिनों में और भी disruptions हो सकते हैं।
इस बीच, अधिकारियों का ध्यान कोहरे से संबंधित तत्काल चुनौतियों को हल करने और शहर में सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है। वे स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं और यदि कोहरा बना रहता है तो अतिरिक्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
यह घना कोहरा इस बात का कड़ा संकेत है कि दिल्ली के परिवहन ढांचे को सर्दियों के महीनों में कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और यात्रियों के लिए बेहतर संवाद प्रणालियों की आवश्यकता है ताकि disruptions को प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सके।