झारखंड सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राज्य में 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक राज्य शोक की घोषणा की है। इस अवधि के दौरान सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, जिनमें शनिवार को आयोजित होने वाली मैयन सम्मान योजना की राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी शामिल है। सरकार ने इस शोक अवधि के दौरान सभी सरकारी संस्थाओं और कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

रांची, 27 दिसंबर 2024: झारखंड राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। डॉ. सिंह का 26 दिसंबर 2024 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। इस शोक संदेश के तहत राज्य सरकार ने उस दौरान निर्धारित सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों और सरकारी समारोहों को रद्द कर दिया है, जिसमें शनिवार को आयोजित होने वाली माईयान सम्मान योजना का राज्यस्तरीय कार्यक्रम भी शामिल है। यह शोक अवधि 26 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी 2025 तक रहेगी।
डॉ. सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, का निधन देशवासियों के लिए गहरा शोक लेकर आया है। उनके योगदान और देश के प्रति उनकी निष्ठा को सम्मानित करने के लिए झारखंड सरकार ने यह शोक घोषित किया है। उनका कार्यकाल भारत के आर्थिक नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आया और उनका योगदान भारतीय राजनीति में अभूतपूर्व था।
राजकीय शोक और कार्यक्रमों की रद्दीकरण
झारखंड सरकार ने एक औपचारिक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि राजकीय शोक की अवधि में सभी सरकारी कार्यों, समारोहों और सार्वजनिक बैठकों को स्थगित किया जाएगा। इसमें माईयान सम्मान योजना का राज्यस्तरीय कार्यक्रम भी शामिल है, जो शनिवार को आयोजित होने वाला था। यह कार्यक्रम अब शोक अवधि के बाद पुनः निर्धारित किया जाएगा।
यह रद्दीकरण देशभर में जारी शोक के संदर्भ में किया गया है, जहां विभिन्न राज्यों और नेताओं ने डॉ. सिंह को सम्मानित करते हुए शोक व्यक्त किया है। इस शोक अवधि के दौरान उनके राजनीतिक योगदान, आर्थिक सुधारों, वैश्विक कूटनीति और राजनीतिक विवेक पर विचार किया जाएगा।
झारखंड सरकार के नेताओं से श्रद्धांजलि
झारखंड के राजनीतिक नेतृत्व ने राज्य शोक की घोषणा का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके नेतृत्व को सलाम किया। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह एक महान नेता थे जिन्होंने देश को कई मुश्किल समयों से निकाला। उनके आर्थिक नीतियों ने भारत की विकास गाथा को आकार दिया और उनकी देश सेवा के प्रति निष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।”
मुख्यमंत्री सोरेन ने डॉ. सिंह के परिवार के प्रति भी संवेदना व्यक्त की और कहा कि देश ने एक महान नेता को खो दिया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार शोक अवधि का पालन करेगी और राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में ध्वज आधे झुके रहेंगे।
इसके अलावा, झारखंड विधानसभा के कई सदस्यों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि इस सप्ताह के अंत में एक शोक सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें स्थानीय नेता और नागरिक डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
डॉ. मनमोहन सिंह की धरोहर
डॉ. मनमोहन सिंह का भारत के आर्थिक, कूटनीतिक और प्रशासनिक विकास में अहम योगदान रहा है। वह 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की दिशा में ले गए, जिससे भारत वैश्विक बाजारों में प्रवेश कर सका। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू किया गया, जिसमें जीएसटी की शुरुआत और वैश्विक शक्तियों के साथ मजबूत रिश्तों की स्थापना शामिल है।
2008 की वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, डॉ. सिंह द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखा। उनका शांत और सोच-समझकर लिया गया नेतृत्व न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया।
डॉ. सिंह का योगदान केवल आर्थिक नीतियों तक ही सीमित नहीं था। वह अपनी विनम्रता, ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा के प्रति निष्ठा के लिए भी जाने जाते थे। उनकी सहमति बनाने की क्षमता और सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर काम करने की पहल ने उन्हें भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बना दिया।
भारतभर में शोक
यह केवल झारखंड तक सीमित नहीं है। कई अन्य राज्यों ने भी शोक अवधि घोषित की है। देशभर से नेताओं की श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कई क्षेत्रीय नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
डॉ. सिंह का निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत है, लेकिन उनके योगदान और उनके व्यक्तित्व की धरोहर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
जब झारखंड और पूरा देश इस महान नेता के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं, तो यह साफ है कि डॉ. मनमोहन सिंह का भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना पर जो प्रभाव था, वह आने वाली पीढ़ियों तक याद रहेगा।